धनुषा जिल्ला नेपालला जनकपुर अञ्चलल परिने तोबो जिल्ला सा। आओ जिल्ला नेपालए मध्यमाञ्चल विकास क्षेत्रला जनकपुर अञ्चलल अवस्थित घनाबस्ती टाआे उर्वर जिल्ला सा। नेपालए मध्यपूर्वला दक्षिणी भागल भारतीय सीमास चेप्सिडे रहिउ धनुषा जिल्ला पूर्ण रूपल नेपालला तराई प्रदेशल परिई। नेपालला कूल भूभागए ०.८०% भाग, कुल जनसङ्ख्याए २.९% ओगटिडे जनसङ्ख्याए क्रमल पाँचौ स्थानल परिने तथा विभिन्न ९३ जातजाति दैसिसिउ आआे धार्मिक क्षेत्रल अमी भित्र याज समेटिसिउ भौगोलिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विविधताए आआे जिल्लालाई देश विदेशल परिचित जैडे नैआे। भारतए सीमावर्ती शहर जयनगरसम्म केने नेपालला तोबो याज रेलसेवाए पनि आआे जिल्लाए महत्वलाई बढैडे नैआे।
जिल्लाए नामाकरण
editकिम्बदन्ती एवं धर्मग्रन्थराई अनुसार त्रेता युगल प्रजारलाई अनिकालङाई मुक्ति जैने जनकवंशए वाईसौ राजा शीरध्वजए आेज घोर किने लागिकाई भूमीङाई बालिका जानकी (सीता) उत्पन्न टाडे अलेआे। सर्वगुण सम्पन्न जानकीए बिहेए लागि स्वयंवर लाङने ईच्छुक विभिन्न प्रदेशङाई हुआे शक्तिसम्पन्न राजकुमारर मध्येङाइ शिवधनुषट ताँदो चढैनेलाई वरए रूपल ग्रहण जैने राजा शीरध्वजए शर्तल अयोध्याङाई हुआे दशरथपुत्र रामचन्द्र बाहेक कताका ज पनि सफल टाआे माढुकेर। तर रामचन्द्रए नो धनुषट ताँदो चढैने लागिकाई अत्यधिक वजनए नो धनुष खण्डीत टाके। नो धनुषए तोबो टुक्रा झरिउ पोलाई धनुषाधाम गार्सिइ आआे पोए मीनङाई जिल्लाए मिन धनुषा गार्डे नामाकरण टाआे दैसिसि।
जिल्लाए इतिहास
editधनुषा जिल्लाला धार्मिक सास्कृतिक भौगोलिक आर्थिक तथा सामाजिक व्यवस्था मानव सभ्यताला हरेक युग कालङाई प्रभावित टाडे परिष्कृत टाडे हुआे दैसिसि। भारतल रहिउ अयोध्याए राजकुमार रामचन्द्रस जानकीए विहे पश्चात आआे क्षेत्रला गरिमा अझ उत्कर्षल केआे दैसिसि। धनुषा जिल्लाए अजेलका स्वरूप कोशी ङाइ गण्डकी सन गंगा ङाई हिमालय सम्म फैलिसिउ वृहत मिथिला प्रदेशए युगान्तल खुम्चिडे बाआे जिमुजा स्वरूप ज सा गार्डे डोसिसि। किम्बदन्ती अनुसार पूर्व वैदिक युगल मानव विहीन रहिउ आआे क्षेत्रए अन्वेषण माथव विदेधए डोडे अनैआे। ह्याट अग्नी लाङने आआे वनए ढाकिसिउ अनकन्टार प्रदेशल हुडे खेम्काई होए ह्याट रहिउ म्ही पाखाडे हुडे पार बनए विनाश टाआे पश्चात आल मानव वसोवास शुरु टाडे अलेआे। त्रेतायुगल राजा जनकए विद्वता सन जानकीए धार्मिक सम्लग्नताए कारण आआे क्षेत्र टाढा-टाढासम्म प्रख्यात टाआे दैसिसि।
सत्रौं शताव्दीला शुरुल भारतङाई महात्मा सुरदासए आगमन पश्चात आआे क्षेत्रए इतिहास सफा टाडे बाआे दैसिसि। किम्बदन्ती अनुसार जानकीए जन्मस्थानए खोजील महात्मा सुरदास भौंतारिडे तछा रील मङल जानकी आेज प्रकट टाडे सुरदासलाई नो पो सटनडे अनैआे। सोही वखत सुरदासए नो पोल खन्ती गाडी चिनो जैडे जानकीलाई प्रतिस्थापित जैडे अनैआे। राज्यराइ उदय विलय क्रमस आआे प्रदेशला शासक भौगोलिक सीमा परिवर्तन टाडे बाकेर। नेपाल एकीकरण टाने ङाडे प्रदेश मकवानपुर राज्यए अधीनल लेआे। मकवानपुरला राजा मानिक सेनए जानकी मन्दिरए लागि १४०० विघा जमीन उपलव्ध जैडे अनैआे। विसं १८८२ लअमरसिंह थापाए पेगोडा शैलील राममन्दिरए निर्माण जैआे परिङडे अनैआे भने विसं १९५० ल टिकमगढकी महारानी वृषभानु देवीए ९ लाख रूपैयाँ लाइडे अजेलका भव्य मुगलकालीन शैली झल्किने जानकी मन्दिर निर्माण जैडे अनैआे। अजेलका धनुषा जिल्लाले धार्मिक ऐतिहासिक मिथिला प्रदेशला जिमुजा भूभाग ओगटिउ टाडेपनि आआे जिल्ला आआे प्रदेशए यूँए (मुटु) रूपल रहिउ दैसिसि।
भौगोलिक अवस्थिति
edit- अक्षांश: उत्तरी २५.३५" ङाइ उत्तरी २७.५" सम्म
- देशान्तरः पूर्वी ८५.५" ङाई पूर्वी ८६.२" सम्म
- झेनो:-
- सिमाना:- पूर्व-सिराहा जिल्ला, पश्चिम-महोत्तरी जिल्ला, उत्तर-सिन्धुली जिल्ला सन दक्षिण- भारतला बिहार प्रदेश
- क्षेत्रफल:- १,१९० वर्ग किलोमिटर
- अवस्थिति:- तराई प्रदेश
- औषत खेआे:- उत्तर-दक्षिण ४५.२७ किलोमीटर
- औषत घ्यान्टे:- पूर्व-पश्चिम २७.४७ किलोमीटर
- अधिकतम खेआे:- ५८ किलोमीटर
- न्युनतम खेआे:- ३९ किलोमीटर
- अधिकतम घ्यान्टे:- ३४ किलोमीटर
- न्युनतम घ्यान्टे:- २२ किलोमीटर
सन्दर्भ सामग्रीर
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