Wp/mag/हिन्द-आर्यभाषा

< Wp‎ | mag
Wp > mag > हिन्द-आर्यभाषा

हिन्द-आर्यभाषा हिन्द-यूरोपीयभाषाके हिन्द-ईरानी शाखाके एगो उपशाखा हे, जेकरा 'भारतीय उपशाखो' कहल जाहे । ई मे से अधिकतर भाषा सन्स्कृतसे जनमल हे । हिन्द-आर्यभाषामे आदि-हिन्द-यूरोपीयभाषाके घ् आउ ध् आउ भ् नियन व्यञ्जन परिरक्षित हथ, जे अन्य शाखामे लुप्त हो गेल हे । ई समूहमे भाषा आव हे : सन्स्कृत, मगही, नेपाली, नेपाली, हिन्दी, बाङ्ला, असमिया, नेपाली, कश्मीरी, सिन्धी, पञ्जाबी, रोमानी, गुजराती, मराठी, उर्दू, इत्यादि ।

शाखा आउ उपशाखा edit

गत दु शताब्दीमे भाषाबैज्ञानिक हिन्द-आर्यभाषाके कय प्रकारसे बर्गीकृत करलन हे आउ ई व्यवस्था बेर-बेर बदलित रहहे । आधुनिककालमे निम्न व्यवस्था अधिकतरभाषाबैज्ञानिकला मान्य हे आउ मसिका (१९९१) आउ काउसेन (२००६) के प्रयासपर आधारित हे ।

दार्दी edit

कुछ उल्लेखनीयभाषा हे :

कश्मीरी, पाशायी, खोवार, शीना, कोहिस्थानी । ई मुख्यरूपसे पच्छिमोत्तर भारत, उत्तरी पाकिस्थान आउ पूर्बोत्तरी अफगानिस्थानमे बोलल जाहे ।

पच्छिमोत्तरक्षेत्र edit

डोगरी-काङ्गड़ी (पच्छिमी पहाड़ी)
डोगरी, काङ्गड़ी
पञ्जाबी
दोआबी, लहन्दा, सराइकी, हिन्दको, माझी, मालवायी
सिन्धी

पच्छिमक्षेत्र edit

राजस्थानी
मारवाड़ी, राजस्थान, हाड़ौती
कच्छी
गुजराती
भील
अहिराणी

मध्यक्षेत्र (हिन्दी) edit

पच्छिमी हिन्दी
हिन्दुस्थानी, हरियाणवी, ब्रज, बुन्देली, कन्नौजी
पूर्बी हिन्दी
अवधी, फिजी हिन्दी, बघेली, छत्तीसगढ़ी

डोमारीरोमानी आउ पर्या ऐतिहासिक रूपसे मध्यक्षेत्रके सदस्स हल किन्तु भौगोलिक दूरीके चलते ओखनीमे ढेर व्याकरणीय आउ शाब्दिक बदलाव आएल हे ।

पूर्बीक्षेत्र (मागधी) edit

ई सब भाषा मागधीप्राकृतसे बिकसित होएल हे ।[1]

बिहारी
भोजपुरी, मगही, मैथिली, कैरेबीय हिन्दुस्थानी, अङ्गिका, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया, कुरमालि
थारु
ओड़िआ
हल्बी
बाङ्ला-असामिया
असमिया, बाङ्ला, बिष्णुप्रिया मणिपुरी, रोहिङ्ग्या

दक्षिणक्षेत्र edit

ई सब भाषा महाराष्ट्रीप्राकृतसे बिकसित होएल हे ।

मराठी
कोङ्कनी
द्वीपीय हिन्द-आर्य
सिन्हल, मालदीवीय (मह्ल, दिवेही)

ई सब द्वीपीयभाषामे कुछ आपसी समानता हे जे मुख्यभूमिके हिन्द-आर्यभाषामे उपस्थित न हे ।

अबर्गीकृत edit

निम्नलिखित भाषा एक-दुसरासे सम्बन्धित हे किन्तु हिन्द-आर्य परिबारमे एखनीके बर्ग अखनि श्रेणीकृत न हो पाएल हे :

कुसवारी[2]

दनुवार (राय), बोट, दरइ

चिनाली-लाहुल लोहार[3]

चिनाली, लाहुल लोहार

निम्नलिखित भाषासभपर अधिक अध्ययन न होएल हे आउ ऍथ्नोलॉग् १७ मे एखनीके हिन्द-आर्यमे अबर्गीकृत लिखल गेल हे :

खोलोसीभाषा

खोलोसीभाषा हालहे मे दक्खिन ईरानके दु गाँओमे बोलल जाइल मिलली हे आउ ई स्पष्ट रूपसे एगो हिन्द-आर्यभाषा हे किन्तु अखनि बर्गीकृत न करल गेलीहे ।[4]

सम्बन्धित लेख edit

सन्दर्भ edit

  1. Ray, Tapas S. (2007). "Chapter Eleven: "Oriya"
    Archived 2017-01-06 at the वेबैक मशीन. In Jain, Danesh; Cardona, George. The Indo-Aryan Languages. Routledge. p. 445. ISBN 978-1-135-79711-9.
  2. Template:Wp/mag/Glottolog
  3. Template:Wp/mag/Glottolog
  4. "Shipwrecked and landlocked : Discovery of an Indo-Aryan language in southwest Iran" (PDF). Bamling-research.de. मूल (PDF) से 15 August 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-05-20.