सन्स्कृत (तत्सम: संस्कृत; नामिक: संस्कृतम्, बिशेषरूप: संस्कृत-) दखिन एसियाके एगो सास्त्रीयभासा हे जे हिन्द-यूरोपीयभासाके हिन्द-आर्य शाखासे सम्बन्धित हे। कान्स्य युगके अन्तमे उत्तर-पच्छिम से अपन पूर्बवर्ती भासाके बिखरेके बाद ई दखिन एसियामे उत्पन्न होयल। सन्स्कृत हिन्दूधरमके पवित्रभासा हे, सास्त्रीय हिन्दू दर्सनके भासा हे, आउ बौद्ध आउ जैनधरमके इतिहासिक ग्रन्थके भासा हे, आउ सिखधरममे एगो भूमिका निभावहे। ई प्राचीन आउ मध्धयुगीन दखिन एसियामे एगो सम्पर्कभासा हल, आउ प्रारम्भिक मध्धयुगीन जुगमे दखिन पूरब एसिया, पूरबी एसिया आउ मध्ध एसियामे हिन्दू आउ बौद्ध सन्स्कृतिके सञ्चरन पर, ई धरम आउ उच्च सन्स्कृति आउ ई मे से कुछ क्षेत्रमे राजनीतिक अभिजात बर्गके भासा बनगेल। नतीजतन सन्स्कृतके दखिन एसिया, दखिनपूरब एसिया आउ पूरबी एसियाके भासा पर, बिशेषरूप से उनखर औपचारिक आउ सीखल सब्दावली पर स्थायी प्रभाव पड़ल।
सन्स्कृत समान्यरूप से ढेर पुराना हिन्द-आर्यभासाके किस्मके दरसावहे। एकरामे से सबसे पुराना बैदिक सन्स्कृत हे जे ऋग्बेदमे पायेल जाहे, १५०० ईसा पूर्ब आउ १२०० ईसा पूर्बके बीच हिन्द-आर्य जनजातिद्वारा रचित १०२८ भजनके सङ्ग्रह, जे आजके अफगानिस्थान से पुरुदने उत्तरी पाकिस्थान आउ उत्तरी भारतमे पलायन करिथलथिन। बैदिक सन्स्कृत उपमहाद्दीपके पहिलेसे उपस्थित प्राचीन भासाके प्रभावित करलक, नया पायेल गेल पौधा आउ जानवरके नामके अबसोसित करलक; सङ्गे, प्राचीन द्राबिड़ीयभासा सन्स्कृतके ध्वन्यात्मकता आउ बाक्य रचनाके प्रभावित करलक। सन्स्कृत आउ सङ्कीर्ण रूपसे सास्त्रीय सन्स्कृतके सन्दर्भित कर सकहे, एगो परिष्कृत आउ मानकीकृत ब्याकरनिकरूप जे मध्ध-पहिला सहस्राब्दी ईसा पूर्बमे उभरलक आउ प्राचीन ब्याकरनमे सबसे ब्यापक, पाणिनीके अष्टाध्याय ('आठ अध्याय') मे सन्हिताबद्ध करल गेल। सन्स्कृतके महानतम नाटककार, कालिदास सास्त्रीय सन्स्कृतमे लिखलथिन, आउ आधुनिक अङ्कगणितके नीँवके बर्णन सबसे पहिले सास्त्रीय सन्स्कृतमे करल गेलीहल। हालाङ्कि दु परमुख सन्स्कृत महाकाब्ब, महाभारत आउ रामायण, महाकाब्ब (महाकाव्य) सन्स्कृत नामक मौखिक कहानी कहेवाला पञ्जिकाके एगो श्रृङ्खलामे रचल गेलहल, जेकर प्रयोग उत्तरी भारतमे ४०० ईसा पूर्ब आउ ३०० ई के बीच करल गेलहल लगभग सास्त्रीय सन्स्कृतके साथे समकालीन। आगेके सताब्दीमे सन्स्कृत परम्परासे बान्धल गेल, पहिला भासाके रूपमे सीखेला बन्द कर देल गेल, आउ अन्ततः एगो जीवित भासाके रूपमे बिकसित होवेला बन्द कर देल गेल।
भारतके सान्स्कृतिक बिरासतमे सन्स्कृतके स्थिति, कार्य आउ स्थानके भारतके संबिधानके अठमा अनुसूची भासामे सामिल करके पहचानल गेलहे। हालाँकि, पुनरुत्थानके प्रयासके बावजूदो भारतमे सन्स्कृतके प्रथमभासा बक्ता न हे।
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