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मगही (𑂧𑂏𑂯𑂲) वा मगधी (𑂧𑂏𑂡𑂲) भाषा भारतके पूरुबमे बिहार, झारखण्ड आउ पच्छिमबङ्गालमे बोलल जायेबाला एगो प्रमुखभाषा है। एकर भिरुके सम्बन्ध भोजपुरी आउ मैथिलीभाषासे है आउ अक्सर ईसभ भाषा एके साथे बिहारीभाषाके रूपमे रख देल जाहे । एकरा आजकल देवनागरीलिपिमे लिखल जाहै किन्तु पहिलेके जमानामे ई कैथीलिपिमे लिखल जाहलै । मगही बोलबालनके सङ्ख्या (२०११) लगभग २ करोड़ ७ लाख हे । मुख्यरूपसे ई बिहारके पटना, नालन्दा, जहानाबाद, गया, अरवल, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, औरङ्गाबाद् आउ झारखण्डके पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, कोडरमा, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो आउ गिरिडीह मण्डलवनमे बोलल जाहे ।

मगही
मगधी
बोलेके  स्थान मगह, भारत
तिथि / काल २०११ के जनगणना
क्षेत्र भारतके बिहार आउ झारखण्ड, नेपाल
मातृभाषी बक्ता Formatting error: invalid input when rounding करोड़ (लगभग ३० लाख)[1]
भाषापरिवार
लिपि देवनागरी, कैथी
भाषासङ्केत
आइएसओ 639-2 mag
आइएसओ ६३९-३ mag
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मगही प्राचीन मागधीप्राकृतसे निकलल भाषा हे, जेकर बिकास मगधके प्राचीन सम्राजमे होलहल, जेकर मूलक्षेत्र गङ्गाके दक्खिनी आउ सोननदीके पूरुबके क्षेत्र हल ।

हालाँकि मगहीमे बोलेबालनके सङ्ख्या लगभग १.२६ करोड़ हे, तैयो ई भारत के संबिधान के आठवीं अनुसूची में शामिल न कइल गेले हे। बिहारमे खड़ी बोली हिन्दी अधिकारिक मामलनला प्रयोग करल जायेबाला भाषा हे । १९६१ के जनगननामे मगहीके बिधिरूपसे हिन्दीमे समाहित करल गेलहल ।

मगहीके पहिला महाकाब्य गौतम महाकवि योगेशद्वारा १९६०-६२ के बीचे लिखल गेलहल । दर्जनोसभ पुरस्कारसे सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिंह योगेश आधुनिक मगहीके सबसे लोकप्रिय कवि मानल जाहथिन। २३ अक्तुबर् के उनखर जयन्ति मगही दिवसके रूपमे मनावल जाहे । मगहीभाषामे बिशेस जोगदान हेतु २००२ मे रामप्रसाद सिंहके साहित्य अकादमी भाषा सम्मान देलगेल ।

इतिहास

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मगहीके पूर्वज, मागधीप्राकृत, भारतीय उपमहाद्वीपमे बनल । ई क्षेत्र मगधके प्राचीनसाम्राजके भाग हल, जेकर मूल गङ्गानदी के दक्खिनमे बिहारके क्षेत्र हल ।

मगही नाम सीधे मागधी शब्दसे लेल गेलीहे, आउ मगहीके कई शिक्षित बक्ता आधुनिक भाषाला मगहीके बजाय "मगधी" नाम पसन्द करहथिन ।

मगहीके वक्ता

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मगहीके कय बोली है । ई उ क्षेत्रमे बोलल जाहै जे मगधके प्राचीन साम्राज्यके मूल बनौलकै हल - पटना, नालन्दा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरङ्गाबाद, लखीसराय, शेखपुरा आउ नवादाके आधुनिक जिला । मगही उत्तरमे गङ्गाके पार मिथिलामे बोलल जायेवाला मैथिलीके बिभिन्न रूपसे घिरल है । पश्चिममे ई भोजपुरीसे आउ उत्तरपूर्वमे अङ्गिकासे घिरल है । खोरठाके रूपमे जानल जायेवाला मगहीके मिश्रण झारखण्डके उत्तरछोटानागपुर प्रमण्डलमे गैर-आदिवासी जनसङ्ख्या द्वारा बोलल जाहै जौनमे बोकारो, चतरा, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा आउ रामगढ़ जिला शामिल है । दक्षिणी बिहार आउ उत्तरी झारखण्डके लोग ज्यादातर मगही बोलहथ । मगही पश्चिमबङ्गालके मालदा जिलोमे बोलल जाहै। 2011 के जनगणनाके अनुसार, लगभग 1.27 करोड़ मगहीभाषी हल । भारतके इलावा ई दक्षिणपूर्वी नेपालके बिभिन्न जिलामे बोलल जाहै ।[2]

सम्बन्धित लेख

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सन्दर्भ

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  1. "Statement 1: Abstract of speakers' strength of languages and mother tongues - 2011". www.censusindia.gov.in. Office of the Registrar General & Census Commissioner, India. मूलसे 16 जुलाई 2019 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-19.
  2. "2011 Nepal Census, Social Characteristics Tables" (PDF). मूल (PDF) से 14 March 2023 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 September 2019.