Wp/mag/हिन्द-इरानीभाषा
हिन्द इरानी शाखा हिन्द-यूरोपीय भाषापरिबारके एगो शाखा हे । ई सातम बर्गके भीतर आवहे । एकर दू उपशाखा हे :
- हिन्द-आर्य उपशाखा : जे भाषा सन्स्कृतसे जनमल हे, जैसे मगही, हिन्दी, पञ्जाबी, रोमानी, मराठी, कश्मीरी, आदि ।
- इरानी उपशाखा : ई उपशाखाके प्राचीनतम भाषा हे अवस्ताई (पारसीके धर्मभाषा) आउ प्राचीन फारसी । एकरामे से जनमल भाषा हे फारसी, बलोची, दारी, पश्तो, कुर्दी इत्यादि ।
हिन्द-इरानीभाषा | |
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आर्य | |
भौगोलिक बिस्तार: |
दक्खिन, मध्य, पच्छिम, दक्खिनपूरुब एसिया आउ काकेसस / कुल बक्ता = लगभग १.५ अरब १५ देसमे |
भाषा बर्गीकरण: |
हिन्द-यूरोपीय
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आदि-भाषा: | आदिम-हिन्द-इरानी |
उपबर्ग: | |
आईएसओ ६३९-५: | iir |
यूरेसियाके हिन्द-यूरोपीयशाखाके लमसम बर्तमान बितरण:
██ हिन्द-इरानी |
ई परिवारमे सभ भाषाके सामान्य पूर्वजके आदिम-हिन्द-इरानी कहल जाहे - जेकरा सामान्य आर्यो कहल जाहे - जे लगभग तीसरा सहस्राब्दी ईसा पूर्बमे बोलल जाहल । आधुनिक हिन्द-इरानीभाषाके तीन शाखा हिन्द-आर्य, इरानी आउ नुरिस्थानी हे । एगो चौथा स्वतन्त्र शाखा, दार्दिकके पहिले रखल गेलहल, किन्तु हालहे मे सामान्य स्थानमे छात्रवृत्ति भारतीय-आर्यशाखाके पुरातन सदस्यके रूपमे दार्दिकभाषाके स्थापित करहे ।[1]
सन्दर्भ
edit- ↑ “The Indo-Aryan languages”।। (2007)। “'Dardic' is a geographic cover term for those Northwest Indo-Aryan languages which [..] developed new characteristics different from the IA languages of the Indo-Gangetic plain. Although the Dardic and Nuristani (previously 'Kafiri') languages were formerly grouped together, Morgenstierne (1965) has established that the Dardic languages are Indo-Aryan, and that the Nuristani languages constitute a separate subgroup of Indo-Iranian.”