ब्राह्मी लिपि भारतके प्राचीनतम लिपिमे से एक हे । एकर प्रयोगके प्राचीन उदाहरण अशोकके अभिलेखके रूपमे उपलब्ध हे । ई बामासे दहिना लिखल जाहे ।
ब्राह्मीलिपि | |
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![]() अशोकस्तम्भ पर ब्राह्मीलिपि (लगभग 250 ई.पू.) | |
प्रकार | |
भाषासभ | संस्कृत, प्राकृत, साक, तमिल्, तुषारी |
समयकाल |
चौथा या तेसरा शताब्दी ई.पू.[1][क] से 5मा शताब्दी ई. |
जनक पद्धति |
आदि-सीनाई लिपि[ख]
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बाल पद्धति |
गुप्त आउ ढेर वंशज लेखन प्रणाली |
भगिनी पद्धति |
खरोष्ठी |
दिशा | |
आइएसओ १५९२४ |
Brah
,
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युनिकोड वर्ण |
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युनिकोड भाग |
U+11000–U+1107F |
[ख] ब्राह्मी लिपिके सेमेटिकसे मूल, सार्वभौमिक रूपसे सहमत न हे । | |
सम्बन्धित लेख
editसन्दर्भ
edit- ↑ Salomon 1998, पृ॰प॰ 11–13.