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रामायण (संस्कृत : रामायणम् = राम + आयणम् ; शाब्दिक अर्थ : 'रामके जीवन-यात्रा'), वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य हे जेकरामे श्रीरामके गाथा हे । एकरा आदिकाव्य[1] आउ एकर रचयिता महर्षि वाल्मीकिके 'आदिकवि'यो[2] कहल जाहे । संस्कृत साहित्य परम्परामे रामायण आउ महाभारतके इतिहास कहल गेलैहे आउ दूनो सनातन संस्कृतिके सबसे प्रसिद्ध आउ लोकप्रिय ग्रन्थ हे । रामायणके सात अध्याय हे जे काण्डके नामसे जानल जाहे । एकरामे कुल लगभग २४,००० श्लोक[ख] हे । सतमा उत्तरकाण्ड प्रक्षिप्त हे, तत्वमार्तण्डोमे उत्तरकाण्डके प्रक्षिप्त मानल गेलैहे ।[3] ओकरा बादके संस्कृत आउ अन्य भारतीयभाषाके साहित्य पर ई महाकाव्यके बड्डी प्रभाव हे आउ रामकथाके लेके अनेक 'रामायण' रचल गेलै ।

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रामायण
राम द्वारा रावणके वध, एगो शाही मेवाड़ पाण्डुलिपिसे, १७मा शताब्दी
जानकारी
धर्म हिन्दुधर्म
लेखक वाल्मीकि
भाषा संस्कृत
ई सन्दूकके: देखी  संवाद  सम्पादन

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सन्दर्भ

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  1. 'रामायणमादिकाव्यम्', श्रीस्कन्दपुराणे उत्तरखण्डे रामायणमाहात्म्ये- १-३५ तथा ५-६१, श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण भाग-१, गीताप्रेस गोरखपुर, संस्करण-१९९६ ई०, पृष्ठ-९ एवं २५.
  2. ध्वन्यालोकः, १-५ (कारिका एवं वृत्ति) तथा ४-५ (वृत्ति), ध्वन्यालोक, हिन्दी व्याख्याकार- आचार्य विश्वेश्वर सिद्धान्तशिरोमणि, ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी, संस्करण-१९८५ ई०, पृष्ठ-२९-३० एवं ३४५ तथा ध्वन्यालोकः (लोचन सहित) हिन्दी अनुवाद- जगन्नाथ पाठक, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, संस्करण-२०१४, पृष्ठ-८६ एवं ८९ तथा पृ०-५७०.
  3. Presa, Iṇḍiyana (1969). Sarasvatī. 70. the University of California. प॰ 417.