देवनागरी भारतीय उपमहाद्वीपमे प्रयुक्त प्राचीन ब्राह्मीलिपि पर आधारित बामासे दहिना आबूगीदा हे । ई प्राचीनभारतमे पहिलासे चौथा शताब्दी ईस्वी तक बिकसित होएल हल आउ ७मा शताब्दी ईस्वी तक नियमित उपयोगमे हल । देवनागरीलिपि, जेकरामे १४ स्वर आउ ३३ व्यञ्जन सहित ४७ प्राथमिक वर्ण हथ, बिश्वमे चौथा सबसे व्यापकरूपसे अपनावल जायेवाला लेखनप्रणाली हे, जेकर उपयोग १२० से अधिक भाषाला कैल जाइत हे ।
देवनागरी देवनागरी | |
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![]() देवनागरी लिपि (शीर्षमे स्वरवर्ण, व्यञ्जनवर्ण निचामे) | |
प्रकार | |
भाषासभ | विविध भारतक भाषासभ आ नेपाल, समाविष्ट, हिन्दी, मराठी, नेपाली, पालि, कोंकनी, बोडो, मैथिली, सिन्धी आ संस्कृत । पहिने पञ्जाबी आ गुजरातीमे प्रयोग होएत छल । |
समयकाल |
प्रारम्भिक सङ्केत: पहिल शताब्दी, आधुनिक रुप: दशम शताब्दी[1][2] |
जनक पद्धति |
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बाल पद्धति |
गुजराती मोदी |
भगिनी पद्धति |
गुरुमुखी, नन्दीनागरी |
दिशा | |
आइएसओ १५९२४ |
Deva
,
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युनिकोड वर्ण |
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युनिकोड भाग |
U+0900–U+097F देवनागरी, U+A8E0–U+A8FF वृहत देवनागरी, U+1CD0–U+1CFF वेदिक एक्सटेन्सन |
इस लिपि के वर्तनी भाषा के उच्चारण के प्रतिबिंबित करऽ हई। लैटिन वर्णमाला के विपरीत, ई लिपि में अक्षर-केस के कोइ अवधारणा नञ् हई, अर्थात ई लिपि एक-सदनीय वर्णमाला हई। एकरा बामा से दहिना लिखल जा हई, एकरा में वर्गाकार रूपरेखा के भीतरे सममित, गोल आकृति सब के प्राथमिकता देल जा हई, तथा एकरा एगो क्षैतिज रेखा से पहचानल जा सकऽ हई, जेकरा शिरोरेखा के रूप में जानल जा हई, जे पूर्ण अच्छर के शीर्ष पर चलऽ हई। सरसरी तौर पर देखे पर देवनागरी लिपि अन्य भारतीय लिपि सब, जैसे बंगाली-असमिया या गुरुमुखी, से अलग लगऽ हई, लेकिन करीब से जांच करे पर पता चलऽ हई कि कोण आउ संरचनात्मक महत्व के छोड़के ऊ सब बहुत समान हई।

सम्बन्धित लेख
editसन्दर्भ
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- ↑ Isaac Taylor (1883), History of the Alphabet: Aryan Alphabets, Part 2, Kegan Paul, Trench & Co, प॰ 333, आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 978-0-7661-5847-4,
... In the Kutila this develops into a short horizontal bar, which, in the Devanagari, becomes a continuous horizontal line ... three cardinal inscriptions of this epoch, namely, the Kutila or Bareli inscription of 992, the Chalukya or Kistna inscription of 945, and a Kawi inscription of 919 ... the Kutila inscription is of great importance in Indian epigraphy, not only from its precise date, but from its offering a definite early form of the standard Indian alphabet, the Devanagari ...
- ↑ Salomon, Richard (1998). Indian epigraphy: a guide to the study of inscriptions in Sanskrit, Prakrit, and the other Indo-Aryan languages. South Asia research. Oxford: Oxford University Press. पप॰ 39–41. आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 978-0-19-509984-3.