द्राबिडीयभाषा वा द्राविड़भाषा (अथवा कखनियो-कखनियो द्राविडिकभाषा[1]) भाषाके एगो परिबार हे जे मुख्यरूपसे दक्खिनभारत, उत्तरपूरुबी श्रीलङ्का आउ दक्खिन-पच्छिम पाकिस्थानमे २५ करोड़ लोगद्वारा बोलल जाहे ।[2] औपनिवेशिक जुगके बादसे, मारीशस, बर्मा (म्यान्मार), सिङ्गापुर, मलेसिया, इण्डोनेसिया, कलिङ्गद्वीप (फिलीपीन्स्), सञ्जुक्ताधिराज्ज, आस्ट्रेलिया, फ्रान्स, कनाडा, जर्मनी, दक्खिन अफ्रिका आउ सञ्जुक्तराज्ज अमेरिकामे छोट किन्तु महत्वपूर्ण आप्रवासी समुदाय रहहथ ।
द्राविडीय | |
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द्राबिडीयभाषा वा द्राविडिक | |
भौगोलिक बिस्तार: |
दक्खिन एसिया आउ दक्खिनपुरुबी एसिया, मुख्यतः दक्खिनभारत, उत्तरपूरुबी श्रीलङ्का आउ पाकिस्थान |
भाषा बर्गीकरण: | बिश्वके प्राथमिक-भाषाकुटुम्बमे से एक |
आदि-भाषा: | आदिम द्राबिडीय |
उपबर्ग: |
उत्तर
केन्द्रीय
दक्षिणकेन्द्रीय
दक्षिण
|
आईएसओ ६३९-२ व ६३९-५: | dra |
द्राबिडीयभाषाके बितरण |
बर्गीकरणम्
editदक्षिण
edit- तमिल्-कन्नड -
- तमिल्-मलयाल -
- तमिल्भाषा (तमिल्, इरुला, वेट्टै कुरुम्ब, कुर्रु (ऐरुकल), ऐरवल्लन्, मलम् (कणिक्कारन्), मुथुवन्, सोलिग (शोलग), कैक्काडि, सङ्केति, श्रीलङ्कातमिल्, जाफनी)
- मलयालभाषा (मलयालम्, पणिय, रवुल, ब्यारि, एरनाटन्, येहूद्यमलयाल, काटर्, मलप्पणडारं, मलर्यन्, मलवेडन्, मन्नन्, अरबी मलयाल, पालियन्, जसरि (द्वीपभाषा), मुल्लु कुरुम्बा, सुरियानि मलयालम्)
- कोडगु - कोडव (कोडगु), कुरुम्ब
- कन्नड-बडग - कन्नड, बडग, ऊरालि, होलिय, कुन्दगन्नद
- तोड-कोत - तोड (तोता) , कोत
- तमिल्-मलयाल -
- तुलुभाषा - तुलु, कोरग, कुडिया
दक्षिण-केन्द्रीय
editकेन्द्रीय
edit- कोलामी-नेयेकी - कोलामी, नेयेकी
- पार्जी-गाडब - ओल्लारी, दुरुवा (धुरवा)
उत्तर
edit- कुरुख-माल्टो - कुंड़ुख (कुंड़ुख़), माल्टो (कुमारभाग पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया)
- ब्राहुई
अबर्गीकृत
edit- अबर्गीकृत द्राबिडीयभाषा (एथ्नोलॉग्-अनुसार) - अल्लर्, बाजिगर्, भारिया, मलङ्कुरवन्, विषावन्
- अबर्गीकृत दक्षिणद्राबिडीयभाषा (एथ्नोलॉग्-अनुसार) - मल मलैसर्, मलैसर्, थचनदन्, उल्लतन्, कलनदि, कुम्बरन्, कुण्डुवडि, कुरिचिया, अट्टपडि कुरुम्ब, मुदुगा, पाथिया, वयनाडु चेट्टि, पट्टपु
बितरण
edit१९८१ के बादसे भारतके जनगणनामे खाली १०,००० से अधिक द्वारा बोलल जायेवाला भाषाके सूचना देल गेलहे, जौनमे १७ द्रबिड़भाषो शामिल हे । १९८१ मे ई भारतके जनसङ्ख्याके लगभग २४% हल ।[3]
२००१ के जनगणनामे उनखर सङ्ख्या २१.४ करोड़ हल, जे भारतके १०२ करोड़के कुल जनसङ्ख्याके २१% हल ।[4] एकर अतिरिक्त भारतके बाहिरे सबसे बड़का द्रबिड़भाषी समूह श्रीलङ्कामे लगभग ४७ लाख तमिल्भाषी हथ । द्रबिड़भाषा बोलेवालाके कुल सङ्ख्या २२.७ कोटि हे, जे भारतीय उपमहाद्वीपके जनसङ्ख्याके लगभग १३% हे ।
द्रबिड़भाषाके सबसे बड़का समूह दक्खिनद्रबिड़भाषा हे, जेकर बोलेवालाके सङ्ख्या लगभग १५ करोड़ हे । तमिल्, कन्नड आउ मलयाल बोलेवालाके सङ्ख्या ९८% हे, जौनमे क्रमशः ७.५ करोड़, ४.४ करोड़ आउ ३.७ करोड़ देसीबक्ता हथ ।
अगला सबसे बड़ दक्खिन-केन्द्रीयशाखा हे, जन्ने ७.८ करोड़ देसीबक्ता हथ, जौनमे से अधिकान्श तेलुगुभाषी हथ । ऊसभ लोगके शामिल करित जिनखर पहिलभाषा तेलुगु नै हे, तेलुगु बोलवालाके कुल सङ्ख्या ८.४ करोड़ हे । ई शाखामे मध्यभारतमे बोले जायेवाला एगो स्वदेसीभाषा गोण्डियो शामिल हे ।
दोसर छोट शाखा उत्तरशाखा हे, जन्ने लगभग ६.३ लाख बक्ता हथ । ई एकमात्र उपसमूह हे जेकर भाषा पाकिस्थानमे बोलल जाहे - ब्राहुईभाषा ।
सबसे छोट शाखा केन्द्रीयशाखा हे, जन्ने खाली लगभग २ लाख बक्ता हथ । ईसभ भाषा अधिकतर जनजातीय हे आउ मध्यभारतमे बोलल जाहे ।
सम्बन्धित लेख
editसन्दर्भ
edit- ↑ "Definition of Dravidic | Dictionary.com". www.dictionary.com (अङ्ग्रेजी मे). मूल से 2023-04-09 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-04-10. नामालूम प्राचल
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के उपेक्षा कैल गेल (सहायता); नामालूम प्राचल|trans_title=
की उपेक्षा कैल गेल (|trans-title=
सुझावित हे) (सहायता)सीएस१ रखरखाव: नामालूम भाषा (link) - ↑ "Overview of Dravidian languages". Encyclopædia Britannica। अभिगमन तिथि: ४ जुलाई २०१८
- ↑ Ishtiaq, M. (१९९९). Language Shifts Among the Scheduled Tribes in India: A Geographical Study. दिल्ली: मोतिलाल बनारसीदास प्रकाशन. पप॰ 26–27. आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 978-81-208-1617-6. अभिगमन तिथि ७ सितम्बर २०१२. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा कैल गेल (|trans-title=
सुझावित हे) (सहायता) - ↑ "Abstract of speakers' strength of languages and mother tongues –2001". जनगणना २००१. महानिबन्धक आउ जनगणनायुक्तके कार्यालय, भारत. अभिगमन तिथि १४ अक्तुबर २०१७. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा कैल गेल (|trans-title=
सुझावित हे) (सहायता);|accessdate=
में तिथि प्राचल का मान जाँची (सहायता)