कन्नड (ಕನ್ನಡ) एगो सास्त्रीय द्राबिड़ीयभाषा हे जे मुखरूपसे भारतके दक्खिन-पच्छिमी क्षेत्रमे कर्नाटकके लोगद्वारा बोलल जाहे । भाषा महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेस, तमिल्नाडु, तेलङ्गाना, केरल आउ गोवा राज्जमे भाषायी अल्पसङ्ख्यद्वारा आउ बिदेसमे कन्नडिगोद्वारा बोलल जाहे । २०११ तक भाषाके लगभग ४.३ करोड़ देसी बक्ता हलथिन । कन्नडके कर्नाटकमे १.२९ करोड़से बेसी गैर-देसी बक्ताद्वारा दुसरा आउ तीसरा भाषाके रूपोमे बोलल जाहे, जे कुल जोड़के ५.६९ करोड़ बक्ता होवहे । कन्नड दक्खिन आउ मध्धभारतके कुछ सबसे सक्तिशाली राजबन्सके राजभाषा हलै, जैसे कदम्ब, चालुक्क, राष्ट्रकूट, यादवबन्स या सेउना, पच्छिमीगङ्गा राजबन्स, मैसूरुके ओडेयर, केलाडी होयसालके नायक आउ बिजयनगर सम्राज्ज । ई भारतके अनुसूचितभाषामे से एक हे आउ कर्नाटक राज्जके अधिकारिक आउ प्रसासनिक भाषा हे ।
कन्नडभाषा कन्नडलिपिमे लिखल जाहे, जे ५मा सताब्दीके कदम्बलिपि से बिकसित होलईहे । कन्नडके लगभग डेढ़ सहस्राब्दीला अभिलेखीयरूपसे प्रमानित कैल गोलीहे आउ साहित्यिक पुराना कन्नड ६मा सताब्दीके गङ्गा राजबन्समे आउ ९मा सताब्दीके राष्ट्रकूट राजबन्सके दौरान बिकसित होलै । कन्नडके एक सहस्रसे बेसी बरिसके अखण्ड साहित्यिक इतिहास हे । कन्नड साहित्यके ८ ज्ञानपीठ पुरस्कारसे सम्मानित कैल गेलीहे, जे कोइयो द्राबिड़ीयभाषाला सबसे बेसी आउ कौनो भारतीयभाषाला दुसरा सर्बोच्च हे ।
सन्स्कृति मन्त्रालयद्वारा नियुक्त भाषायी बिसेसज्ञके समितिके अनुसन्साके आधार पर भारतसरकार कन्नडके भारतके सास्त्रीयभाषा नामित करकै । जुलाई २०११ मे, भाषासे सम्बन्धित अनुसन्धानके सुबिधाला मैसूरुमे केन्द्रीय भारतीयभाषा सन्स्थाके भागके रूपमे सास्त्रीय कन्नडके अध्ययनला एगो केन्द्र स्थापित कैल गेलीहल ।