सनातनधरम (संस्कृत: सनातनधर्म) हिन्दुयेधर्मके बैकल्पिक नाम हे जेकर प्रयोग सन्स्कृत आउ अन्य भारतीयभाषोमे कैल जाहे ।[1][2]बैदिककालमे भारतीय उपमहाद्वीपके धर्मला 'सनातनधर्म' नाम भेटहे । 'सनातन' के अर्थ हे - शाश्वत वा 'सदा बनल रहेवाला', अर्थात् जेकर न आदि हे न अन्त ।[3]सनातनधर्म मूलतः भारतीयधर्म हे, जे कौनो समय पूरा बृहत्तर भारत (भारतीय उपमहाद्वीप) तक व्याप्त रहल हे आउ ई एक बेर बिश्व व्याप्त हल परन्तु बिभिन्न कारणसे होएल भारी धर्मान्तरणके उपरान्तो बिश्वके ई क्षेत्रके बहुसङ्ख्यक जनसङ्ख्या एही धर्ममे आस्था रखहे ।
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इतिहास
edit“ | ई पथ सनातन है । समस्त देवता आउ मनुष्य एही मार्ग से पैदा होलथिन हे तथा प्रगति कैलथिन हे । हे मनुष्य अपने अपन उत्पन्न होवेके आधाररूपा अपन माताके विनष्ट न करथिन । | ” |
—ऋग्वेद-३-१८-१ |
स्वरूप
editयद्यपि आज सनातनके पर्याय हिन्दु है पर सिख, बौद्ध, जैन धर्मावलम्बियो सनातन धर्मके हिस्सा हथिन, काहेकि बुद्धो अपनाके सनातनी कहऽ हथिन ।[4] एहाँ तक कि नास्तिक जेकि चार्वाक दर्शनके मानऽ हथिन ओहु सनातनी हथिन । सनातन धर्मीला कौनो विशिष्ट पद्धति, कर्मकाण्ड, वेशभूषाके मानना जरुरी न । बस ऊ सनातनधर्मी परिवारमे जन्मल हो, वेदान्त, मीमांसा, चार्वाक, जैन, बौद्ध, आदि कौनो दर्शनके मानऽ हो बस ओकरा सनातनी होवेला पर्याप्त है ।[5]
मार्ग
editमोक्षके बगैर आत्माके कौनो गति न, एहीसे ऋषि मोक्षके मार्गेके सनातन मार्ग मानऽ हथिन ।[6]
एकरो देखी
editसन्दर्भ
edit- ↑ "The concept of Sanatan Dharma: its roots and the historical context of its use".
- ↑ Rajarajan, R. K. K. "Drāviḍian/Tamil Concept of Religion is sanātanadharma a Religion?". Into the Nuances of Culture. Essays on Culture Studies.
- ↑ सनातनमेनमहुरुताद्या स्यात पुनण्रव् (अधर्ववेद 10/8/23) अर्थात् - सनातन ओकरा कहहथ जे आजहो नवीकृत हे ।
- ↑ "एस धम्मो सनन्तनो" (धम्मपद, गाथा -५)
- ↑ J. Zavos, Defending Hindu Tradition: Sanatana Dharma as a Symbol of Orthodoxy in Colonial India, Religion (Academic Press), Volume 31, Number 2, April 2001, pp. 109-123; see also R. D. Baird, "Swami Bhaktivedant a and the Encounter with Religions", Modern Indian Responses to Religious Pluralism, edited by Harold Coward, State University of New York Press, 1987)
- ↑ "वेबदुनिया हिन्दी (जल पत्रिका), शीर्षक: सनातन धर्म का सत्य, लेखक: अनिरुद्ध जोशी शतायु". मूल से 10 जुलाई 2012 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2013.