Wp/mag/हिन्दुधरम

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हिन्दुधरम (तत्सम: हिन्दुधर्म) एगो धरम वा जीवनपद्धति हे जेकर अनुयायी अधिकान्शतः भारत, नेपाल आउ मॉरिशस् मे बहुमतमे हे । एकर अतिरिक्त सूरीनाम्, फिजी इत्यादि । एकरा बिश्वेके प्राचीनतम धरम मानल जाहे । एकरा 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म'ओ कहल जाहे जेकर अर्थ हे कि एकर उत्पत्ति मानवके उत्पत्तियो से पहिलेसे हे । बिद्वानलोग हिन्दुधरमके भारतके बिभिन्न सन्स्कृति आउ परम्पराके सम्मिश्रण मानहथ जेकर कौनो सन्स्थापक न हे ।

ई धरम अपन भीतरे कयगो अलग-अलग उपासना पद्धति, मत, सम्प्रदाय आउ दर्शन समेटले हे । अनुयायिके सङ्ख्याके आधारपर ई बिश्वके तीसरा सबसे बड़का धरम हे । सङ्ख्याके आधारपर एकर अधिकतर उपासक भारतमे हथ आउ प्रतिशतके आधारपर नेपालमे हथ । हालाँकि एकरामे कई देवी-देवताके पूजा करल जाहे, किन्तु बास्तवमे ई एकेश्वरवादी धरम हे ।

एकरा सनातनधरम अथवा बैदिकधरमो कहल जाहे । इण्डोनेशियामे ई धरमके औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" हे । हिन्दु खाली एगो धरम या सम्प्रदायहीँ न हे अपितु जीवन जीयेके एगो पद्धति हे ।

इतिहास

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नामोत्पत्ति

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भारतवर्ष के प्राचीन ऋषि "हिन्दुस्थान" नाम देलथिन हल, जेकर अपभ्रंश "हिन्दुस्तान" है । बृहस्पति आगम के अनुसार:

हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते॥
अर्थात् हिमालय से प्रारम्भ होके इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक ई देव निर्मित देश हिन्दुस्थान कहला है ।

अन्य मान्यता के अनुसार "हिन्दु" शब्द "सिन्धु" से बनल मानल जा है । संस्कृत मे सिन्धु शब्द के दु मुख्य अर्थ है - पहिला, सिन्धु नदी जे मानसरोवर के पास से निकल के लद्दाख आउ पाकिस्तान से बहित समुद्र मे मिलऽ है, दोसर - कौनो समुद्र या जलराशि । ऋग्वेद के नदीस्तुति के अनुसार ऊ सात नदी हलै : सिन्धु, सरस्वती, वितस्ता (झेलम), शुतुद्रि (सतलुज), विपाशा (व्यास), परुषिणी (रावी) आउ अस्किनी (चेनाब)। एक अन्य विचार के अनुसार हिमालय के प्रथम अक्षर "हि" एवं इन्दु के अन्तिम अक्षर "न्दु", ई दुनो अक्षर के मिलाके शब्द बनलै "हिन्दु" आउ ई भू-भाग हिन्दुस्थान कहलैलै । हिन्दु शब्द ऊ समय धर्म के बजाय राष्ट्रीयता के रूप मे प्रयुक्त होवऽ हलै । चूँकि ऊ समय भारत मे केवल वैदिकेधर्म के माने वाला लोग हलथिन, बल्कि तखनी तक अन्य कौनो धर्म के उदय न होलै हल एहीसे "हिन्दु" शब्द सब भारतीय ला प्रयुक्त होवऽ हलै । भारत मे केवल वैदिक धर्मावलम्बी (हिन्दु) के बसे के कारण कालान्तर मे विदेशी ई शब्द के धर्म के सन्दर्भ मे प्रयोग करेला शुरु कर देलकै ।

आम तौर पर हिन्दु शब्द के अनेक विश्लेषक विदेशी द्वारा देल गेल शब्द मानकै हे । ई धारणा के अनुसार हिन्दु एक फारसी शब्द है । हिन्दुधर्म कु सनातन धर्म या वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्मो कहल जा है । ऋग्वेद मे सप्त सिन्धु के उल्लेख मिलऽ है - ऊ भूमि जने आर्य सबसे पहिले बसलै हल । भाषाविद के अनुसार हिन्द आर्यभाषा के "स्" ध्वनि (संस्कृत के व्यंजन "स्") ईरानीभाषा के "ह्" ध्वनि मे बदल जा है । एहीसे सप्त सिन्धु अवेस्तन भाषा (पारसी के धर्मभाषा) मे जाके हफ्त हिन्दु मे परिवर्तित हो गेलै (अवेस्ता: वेन्दीदाद, फर्गर्द 1.18) । एकर बाद ईरानी सिन्धु नदी के पूर्व मे रहे वाला के हिन्दु नाम देलकै । जखनी अरब से मुस्लिम हमलावर भारत मे ऐलै, त ऊ भारत के मूल धर्मावलम्बी के हिन्दु कहेला शुरू कर देलकै । चारो वेद मे, पुराण मे, महाभारत मे, स्मृति सब मे ई धर्म के हिन्दुधर्म न कहकै हे, वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म कहकै हे ।

एकरो देखी

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सन्दर्भ

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