Wp/mag/शौरसेनी प्राकृत

< Wp | mag
Wp > mag > शौरसेनी प्राकृत

शौरसैनी नामक प्राकृत मध्यकालमे उत्तरभारतके एगो प्रमुख भाषा हल । ई नाटकमे प्रयुक्त होवहल (वस्तुतः सन्स्कृत नाटकमे विशिष्ट प्रसङ्गमे) । बादमे एकरासे हिन्दी-भाषा-समूह आउ पञ्जाबी बिकसित भेल । दिगम्बर जैन परम्पराके सभ जैनाचार्य अपन महाकाव्य शौरसेनियेमे लिखलन जे उनखर आदृत महाकाव्य हे ।

शौरसेनीप्राकृत
शौरसेनी
ब्राह्मी: 𑀰𑁅𑀭𑀲𑁂𑀦𑀻
बोलेके  स्थान भारत
मातृभाषी बक्ता
भाषापरिवार
भाषासङ्केत
आइएसओ ६३९-३ psu
Lua error in Module:Wp/mag/Location_map at line 403: देशान्तरला कौनो मान प्रयोग नै कैल गेल.

सन्दर्भ ग्रन्थ

edit
  • पिशल के ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद, प्राकृत भाषाओं का व्याकरण;
  • दिनेशचन्द्र सरकार : ग्रामर ऑव दि प्राकृत लैंग्वेज;
  • बूलनर - इण्ट्रोडक्शन् टु प्राकृत;
  • हैम प्राकृत व्याकरण;
  • डा. अ. न. उपाध्ये : इण्ट्रोडक्शन् टु प्रवचनसार ।

इहो देखी

edit

बाहरी कड़ी

edit

Archived 2008-09-23 at the वेबैक मशीन

सन्दर्भ

edit