संस्कृत काव्यशास्त्रमे महाकाव्य के सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह प्रस्तुत कैलन हे आउ परवर्ती आचार्यसभमे दण्डी, रुद्रट आउ विश्वनाथ अपन अपन बिधिसे एकर बिस्तार कैलन हे । आचार्य विश्वनाथके लक्षणनिरूपण ई परम्परामे अन्तिम होवेके कारण सभ पूर्ववर्ती मतके सारसंकलनके रूपमे उपलब्ध हे ।