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सान्ताली (ᱥᱟᱱᱛᱟᱲᱤ, সান্তালী, ସାନ୍ତାଳୀ; सान्ताड़ि), जेकरा सन्ताल के नामो से जानल् जाहई, ऑस्ट्रोएसियाटिकभासाके मुण्डा उपपरिवारके सबसे ब्यापकरूप से बोले जाए बाला भासा हई, जे हो आउ मुण्डारी से सम्बन्धित हई आउ मुखरूप से भारतीयराज्ज असम, बिहार, झारखण्ड, मिजोरम्, ओड़िसा, त्रिपुरा आउ पच्छिमबङ्गालमे बोलल् जाहई। इ भारतीय संबिधानके अठमा अनुसूचीके अनुसार भारतके एगो मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय भासा हई। इ भारत, बाङ्ग्लादेस, भूटान आउ नेपालमे लगभग ७० लाख लोगद्वारा बोलल् जाहई, जे एकरा बियतनामी आउ ख्मेरके बाद तीसरा सबसे अधिक बोले जाए बाला ऑस्ट्रोएसियाटिक भासा बनावहई।

१९२५ मे पण्डित रघुनाथ मुर्मू द्वारा ओल् चिकीके बिकास तक सान्ताली मुखरूप से मौखिक भासा हलई। ओल् चिकी वर्नमाला (अल्फाबेटिक्) हई, अन्न भारतीय लिपिके साथे कोइयो सब्दान्स गुनके साझा न करहई, आउ अब भारतमे सान्ताली लिखेला ब्यापकरूप से उपयोग करल् जाहई।

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