मराठा साम्राज्य १७ मा शताब्दीमे दक्षिण एशिया के एक बड़ भाग पर प्रभुत्व हलै । साम्राज्य औपचारिक रूपसे 1674 से छत्रपति शिवाजी महाराजके राज्याभिषेक के साथे अस्तित्व मे ऐलै आउ 1761 मे पानीपत के तृतीय युद्ध के साथे क्रमशः अवनति के प्राप्त होलै । ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी भारतीय उपमहाद्वीप पर नियन्त्रण पावे से पहिले, अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप मे मुगल शासन के समाप्त करेला पुरा श्रेय मराठा के देल जा है ।[2][3][4][note 1]
मराठा हिन्दु पत पातशाही मराठा साम्राज्य | |||||
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ध्वज | |||||
1760 मे मराठा साम्राज्य (पीयर रङ्गमे) आउ अन्य राज्य
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राजधानी | राजगड (1645-1674)
रायगड (1674-1689) पन्हाला (1689-1691) जिञ्जी (1691-1699) सातारा (1699-1818) पुणे (उपराधानी-१७४९-१८१८) | ||||
भाषा | मराठी, संस्कृत[1] | ||||
धार्मिक समूह | हिन्दुधर्म | ||||
शासन | मराठा साम्राज्य तथा हिन्दु पत पातशाही | ||||
छत्रपति | |||||
- | 1664–1680 | छत्रपती शिवाजी महाराज (प्रथम) | |||
- | style="padding-left:0;text-align:left;"|1808–1818 | छत्रपती प्रताप महाराज | |||
पेशवा | |||||
- | style="padding-left:0;text-align:left;"|1674–1689 | मोरोपन्त त्र्यम्बक पिङ्गले (प्रथम) | |||
- | style="padding-left:0;text-align:left;"|1795–1818 | बाजीराव द्वितीय (अंतिम) | |||
विधायिका | अष्टप्रधान | ||||
इतिहास | |||||
- | तोरणाके युद्ध | १६४५ 1645 | |||
- | तीसर आङ्ग्ल मराठा युद्ध | १८१८ 1850 | |||
क्षेत्रफल | |||||
३०,००,००० किमी ² (११,५८,३०६ वर्ग मील) | |||||
जनसङ्ख्या | |||||
- | 1700 est. | १,९०,००,००० | |||
मुद्रा | रुपया, पैसा, मोहर, शिवराई, होन | ||||
आज ईसभ देशके भाग हे: | भारत पाकिस्तान | ||||
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मराठा एक मराठी - पश्चिमी दख्खन पठार (वर्तमान महाराष्ट्र) से एक योद्धा समूह है, जे मराठा साम्राज्य के स्थापना करके, प्रमुखता से उठलै हल [6][7] 17 मा शताब्दी मे छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व मे मराठा प्रमुख हो गेलन, जे आदिल शाही वंश के खिलाफ विद्रोह कैलन आउ अपन राजधानी के रूप मे रायगड के साथे एक हिन्दवी स्वराज्य के निर्माण कैलन । उनकर पिता, महाबली शहाजी राजे ओकरा से पहिले तंजावुर पर विजय प्राप्त कैलन हल, जेकरा छत्रपती शिवाजी महाराज के सौतेला भाई, वेंकोजीराव उर्फ एकोजीराजे के विरासत मे मिललै हल आउ ऊ राज्य के तंजावुर मराठा राज्य के रूप मे जानल जा हलै । बैंगलोर जे 1537 मे विजयनगर साम्राज्य के एक जागीरदार, केम्पे गौड़ा 1 द्वारा स्थापित कैल गेलै हल, जे विजयनगर साम्राज्य से स्वतन्त्रता के घोषणा कैलकै हल, ऊ 1638 मे उनकर उपसेनापति, शाहजीराजे भोंसले के साथे, रानादुल्ला खान, के नेतृत्वमे एक बड़ आदिल शाही बीजापुर सेना द्वारा, बैंगलोर पर कब्जा कर लेल गेलै हल, जे केम्पे गौड़ा 3 के हरौलकै हल आउ बैंगलोर शहाजीराजेके जागीर (सामन्ती सम्पत्ति) के रूपमे देल गेलै हल । मराठा अपन गतिशीलता ला जानल जा हथिन आउ मुगल-मराठा युद्ध के दौरान अपन क्षेत्रके बरियार करेमे सक्षम हलथिन आउ बाद मे मराठा साम्राज्य पूरा भारतमे फैल गेलै ।
इहो देखी
editसन्दर्भ
edit- ↑ Majumdar, R.C.; Bharatiya Vidya Bhavan; Bhāratīya Itihāsa Samiti (1951). The History and Culture of the Indian People: The Mughal empire. The History and Culture of the Indian People. G. Allen 8 Unwin. प॰ 609, 634. अभिगमन तिथि 2022-05-11.
- ↑ Pearson (1976), पृ॰प॰ 221–235.
- ↑ Capper (1997):This source establishes the Maratha control of Delhi before the British
- ↑ Sen (2010), पृ॰प॰ 1941–:The victory at Bhopal in 1738 established Maratha dominance at the Mughal court
- ↑ Schmidt (2015).
- ↑ Pagdi (1993), पृ॰ 98: Shivaji Maharaj's coronation and setting himself up as a sovereign prince symbolises the rise of the Indian people in all parts of the country. It was a bid for Hindawi Swarajya (Indian rule), a term in use in Marathi sources of history.
- ↑ Jackson (2005), पृ॰ 38.
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