ब्राह्मी परिबार ऊ लिपिसभके परिबार हे जेकर पूर्बज ब्राह्मीलिपि हे । ई सबके प्रयोग दक्खिन एसिया, दक्खिनपूर्ब एसियामे होव हे, तथा मध्य आउ पूर्ब एसियाके कुछ भागोमे होव हे ।
ई परिवारके कौनो लेखन प्रणालीके ब्राह्मी-आधारित लिपि वा भारतीय लिपि कहल जा सकहे ।
ई सब लिपिके प्रयोग कयगो भाषापरिबारमे होता हल, उदाहरणार्थ भारोपीय, चीनी-तिब्बतीभाषा, मङ्गोलियायी, द्राविड़ीय, ऑस्ट्रो-एसियाई, ऑस्ट्रोनेसियायी, ताई आउ सम्भवतः कोरियायीमे । एकर प्रभाव आधुनिक जापानीभाषामे प्रयुक्त अच्छर क्रमाङ्कनोपर लोकहे ।