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भूमिके सतहके नीचे सुरङ्ग बनाके ओकर भीतरे रेलके पटरी बिछाके जे रेलगाड़ी चलावल जा हे ओकरा भूमिगत रेल कहल जाहे । एकरा मेट्रो रेल, मेट्रो, सब-वे अथवा द्रुतपारगमनो (रैपिड रेल) कहल जाहे ।

इतिहास

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एकर आरम्भ लन्दन नगरमे भेल । लन्दन ब्रिटिश साम्राज्यके राजधानी हल आउ हियाँके जनसङ्ख्या बढ़ैत जाइत हल । ओइसे नगरके चारो दन्ने रेलवे स्टेशन हल किन्तु नगरके केन्द्र तक पहुँचेमे लोगके बड्ड कठिनाईके सामना करे पड़हल । बरिस १८५५ मे लन्दनके यातायात समस्याके हल निकालेला एक समितिके गठन भेल । बड्डीमनी प्रस्ताव सामने आएल किन्तु अन्ततः भूमिगत रेल सेवाके प्रस्ताव सबसे उपयुक्त समझल गेल । १० जनवरी १८६३ के बिश्वके पहिला भूमिगत रेल सेवा प्रारम्भ भेल । ई रेल सेवा पेडिङ्गटन से फेरिङ्गटन के मध्य आरम्भ भेल आउ पहिलहीँ दिन एकरामे चालीस हजार यात्री यात्रा कैलक । धीरे-धीरे जमीनके नीचे आउ सुरङ्ग बनावल गेल आउ एक पूरा रेल जाल (नेटवर्क) बन गेल । ई ट्रेन भापके इञ्जनसे चलहल । एहीसे जमीनके नीचे जे सुरङ्ग बनावल गेलहल । ओकरामे कुछे कुछ दूरी पर वेण्टिलेशनके प्रबन्ध हल । जेकरासे भाप बाहरे निकल सके । बरिस १९०५ से ट्रेन बिजलीसे चले लगल ।

जन्ने एसियाके प्रश्न हे, सबसे पहिले जापानमे भूमिगत रेल सेवा आरम्भ भेल हल आउ अखन कोरिया, चीन, हाङ्गकाङ्ग, ताइवान, थाइलैण्ड आउ भारतोमे ई रेल सेवा चलैत हे । भारतमे कलकता, गुरुग्राम, जयपुर, चेन्नै, बेङ्गलूरु, मुम्बई, कोच्चि, लखनऊ, हैदराबाद,दिल्ली, जयपुरमे भूमिगत या एलिवेटेड मेट्रो रेल चलैत हे ।