रेल परिवहनके एगो बिधि हे जेकरामे यात्री आउ मालके पटरी पर चलेवाला वाहन पर एक स्थानसे दोसर स्थान ले जाएल जाहे ।[1] पारम्परिक रूपसे रेल वाहनके नीचे चक्का होवहे जे इस्पात (स्टील) के बनल दु पटरी पर सन्तुलित रूपसे चलहे, किन्तु आधुनिक कालमे चुम्बकीय प्रभावसे पटरीके ऊपरे लटकके चलेवाला 'मेगलेव' आउ एक पटरी पर चलेवाला 'मोनोरेल' नियन व्यवस्थाो रेल व्यवस्थामे गिनल जाहे । रेलके पटरी पर चलेवाला वाहन नित्य एगो लम्बी पङ्क्तिमे एक दोसरासे जञ्जीरसे जुड़ल डिब्बा होवहे जेकरा एक या एकसे अधिक कोइला, डीजल, बिजली या अन्य ऊर्जासे चलेवाला इञ्जन खिँचहे । ई प्रकारसे जुड़ल डिब्बा आउ इञ्जनके 'रेलगाड़ी' या 'ट्रेन' बोलावल जाहे ।[2]
इहो देखी
editसन्दर्भ
edit- ↑ "पृष्ठ क्रमाँक ३३-३४ बाल ज्ञान- विज्ञान एन्साइक्लोपीडिया संचार-परिवहन [[आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰]] 978-81-85134-54-3". मूलसे 20 जनवरी 2013 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 दिसंबर 2012.
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में तिथि प्राचल का मान जाँची (सहायता) - ↑ TrainsOxford reds
Archived 2014-09-28 at the वेबैक मशीन, Dennis Hamley, Oxford University Press, 2001, ISBN 978-0-19-910653-0
परिवहनके साधन | |
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