फल्गू या निरञ्जनानदी (अङ्ग्रेजी: Phalgu river) भारतके बिहारराज्जमे बहेबाला एगो नदी हई। इ गयाके पबित्र नगरसे बहहई आउ इ नदीके हिन्दू आउ बौद्ध धरममे महत्व हई। भगवान् बिष्णुके बिष्णुपद मन्दिर एकर् किनारे खड़ा हई। इ नदी गयाके भीरु लीलाजननदी आउ मोहनानदीके सङ्गमसे आरम्भ होवहई आउ एकर् धारा अन्तमे पुनपुननदीमे बिलय हो जाहई, जे अपने गङ्गानदीके एगो उपनदी हई।
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फल्गुनदी झारखण्डके पलामू मण्डलसे निकलहई। फल्गुनदी जहानाबाद् मण्डलमे जाके अपन प्रवाह पूरा करहई। इनदी बिहारमे गङ्गानदीमे मिल जाहई। फल्गुनदी पर ढेर मनी बान्ध हई जैसेकि घोड़ा बान्ध, उदेरास्थान बान्ध। इनदी बिहारमे दरियापुर, सुकियावा,कैरवा, शर्मा होबित मोकामा टालमे समाप्त हो जाहई। इ निरञ्जनोके नामसे बिहारमे प्रसिद्ध हई। पौराणिक दृष्टिकोणसे इ पबित्र मानल् जाहई। इ नदीके बर्णन बायु पुराणमे भगवान् बिष्णुके छविदर्शनके उल्लेख करल् गेलीहे। इनदी हिन्दू रीति रिवाजके अनुसार मृत आत्माके शान्तिला बिहारके गया मण्डलमे पिण्डदान आउ दुग्धार्पणला महत्वपूर्ण आउ धार्मिक मानल् जाहई। इ बिहारके बोधगयाके भीरु दु अन्न नदी यथा मोहना आउ लीलाजनके साथे मिलके अपवाहक्षेत्र टालमे फैलित् गङ्गामे बिलीन हो जाहई। बिहारमे फल्गुनदी के लम्बाई लगभग १३५ किलोमीटर् हई। बिहारके पौराणिक परब यानी सूर्य-उपासना अर्थात छठपूजामे इ नदीमे बिहारके महिला दुग्धार्पण, अन्नार्पणके साथे-साथे व्रत आउ छठी मैयाके आराधना करहथिन्।