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पालि भारतके सबसे प्राचीन ज्ञात भाषामे एक हे जेकरा भारतके सबसे प्राचीन ज्ञात लिपि ब्राह्मीलिपिमे लिखल जाहल । एकर प्रमाण सम्राट अशोकके शिलालेख आउ स्तम्भसे भेटहे । बौद्धकालमे पालिभाषा भारतके जनमानसके भाषा हल । तथागत बुद्ध अपन उपदेस पालियेमे देलन हे । धम्मग्रन्थ त्रिपिटकोके भाषा पालिये हे । पालीभाषाके 'प्रथम प्राकृत' के सञ्ज्ञा देल जाहे ।

पालि
पाळि
उच्चारण [paːli]
बोलेके  स्थान भारतीय उपमहाद्वीप
बिलुप्त कौनो मातृभाषी नै, खाली साहित्यिक आउ धार्मिकभाषाके रूपमे प्रयोग कैल जाहे
भाषापरिवार
लिपि ब्राह्मी आउ व्युत्पन्न लिपि
भाषासङ्केत
आइएसओ 639-1 pi
आइएसओ 639-2 pli
आइएसओ ६३९-३ pli
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कुछ इतिहासकार पालिके सन्स्कृतके अपभ्रन्स मानहथ काहिके पालीभाषामे ऋ, क्ष, त्र, ज्ञ, ऐ, औ अच्छर नै हे । सन्स्कृतके सबसे प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेदमे ऋ से ई आसानीसे समझल जा सकहे कि पालियेभाषा सन्स्कृतके अपभ्रन्स हे । सन्स्कृतमे १३ स्वर, पालिभाषामे १० स्वर, प्राकृतमे १० स्वर, अपभ्रन्समे ८ आउ मगहीमे ११ स्वर होवहे । पालीभाषाके सर्वप्रथम वैयाकरण कच्चायन हलन । ऊ पालिभाषामे कुल ४१ ध्वनि बतैलन हे ।

सन्स्कृत-पालि तुल्य शब्दावली

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नीचे कुछ प्रमुखशब्दके तुल्य पालि शब्द देल गेलहे-

सन्स्कृत पालि
अक्षर अक्खर
आर्य अरिय
गोप गुप्त
भिक्षु भिक्खु
चक्र चक्क
धर्म धम्म
दुःख दुक्ख
कर्म कम्म
काम काम
क्षत्रिय खत्तिय
क्षेत्र खेत्त
मार्ग मग्ग
लोप लुप्त
मोक्ष मोक्ख
निर्वाण निब्बान
सर्व सब्ब
सत्य सच्च

व्याकरण

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सञ्ज्ञा

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अ-कार

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पु. (लोक "संसार") नपुस. (यान "भारवाहक, गाड़ी")
एक. बहु. एक. बहु.
कर्ता लोको लोका यानं यानानि
सम्बोधन लोक
कर्म लोकं लोके
करण लोकेना लोकेहि यानेना यानेहि
सम्प्रदान लोका (लोकम्हा, लोकस्मा; लोकतो) याना (यानम्हा, यानस्मा; यानतो)
अपादान लोकस्स (लोकाय) लोकानां यानस्स (यानाया) यानानां
सम्बन्ध लोकस्स लोकानां यानस्स यानानां
अधिकरण लोके (लोकस्मिय) लोकेसु याने (यानस्मिय) यानेसु

आ-कार

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स्त्री (गाथा- "कथा कहानी")
एक. बहु.
कर्म गाथा गाथायो
सम्बोधन गाथे
कर्म गाथां
करण गाथाय गाथाहि
सम्प्रदान
आपादान गाथानां
सम्बन्ध
अधिकरण गाथाय, गाथायां गाथासु

इ-कार

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पु (इसि- "सीर") नपुंसक (अक्खि- "आग")
एक बहु एक बहु
कर्ता इसि इसयो, इसी अक्खि, अक्खिं अक्खीनि
सम्बोधन
कर्म इसिं
करण इसिना इसीहि अक्खिना अक्खीहि
सम्प्रदान इसिना, इसितो अक्खिना, अक्खितो
अपादान इसिनो इसिनं अक्खिनो अक्खीनं
सम्बन्ध इसिस्स इसिनो अक्खिस्स अक्खिनो
अधिकरण इसिस्मिं इसीसु अक्खिस्मिं अक्खीसु

उ-कार

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पु. (भिक्खु "मठवासी") नपुस. (चक्खु- "आँख")
कर्ता भिक्खु , भिक्खू चक्खु, चक्खुं चक्खूनि
सम्बोधन
कर्म भिक्खुं
करण भिक्खुना भिक्खूहि चक्खुना चक्खूहि
सम्प्रदान
अपादान भिक्खुनो भिक्खूनं चक्खुनो चक्खूनं
सम्बन्ध भिक्खुस्स, भिक्खुनो भिक्खूनं, भिक्खुन्नं चक्खुस्स, चक्खुनो चक्खूनं, चक्खुन्नं
अधिकरण भिक्खुस्मिं भिक्खूसु चक्खुस्मिं चक्खूसु

इहो देखी

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सन्दर्भ

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सन्दर्भ ग्रन्थ-
  • डॉ॰ रामअवध पाण्डेय डॉ.रविनाथ मिश्र. (2011). पालि व्याकरण . नव दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास.
  • भारत सिंह उपाध्याय. (2000). पालि साहित्य का इतिहास . इलाहाबाद् : हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग.
  • भिक्षु धर्मरक्षित (1971). पालि साहित्य का इतिहस . वाराणसी : रेनबो प्रिन्टर्स.

बाहरी कड़ी

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Archived 2013-10-25 at the वेबैक मशीन (महावीर सरन जैन)

शब्दकोश :

Archived 2012-10-08 at the वेबैक मशीन (PDF प्रारूपमे)

Archived 2008-04-04 at the वेबैक मशीन - A newly started project aimed at creating free online Pāli dictionaries and educational resources.

ग्रंथ :

Archived 2008-04-11 at the वेबैक मशीन in romanized Pali and Sinhala, mostly also in English translation

Archived 2007-03-11 at the वेबैक मशीन - ई मे से कुछ पालिभाषामे है ।

पालि अध्ययन :

Archived 2007-09-29 at the वेबैक मशीन

Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीन (by Narada Thera)

Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीन (by G Duroiselle)

Archived 2006-02-11 at the वेबैक मशीन by Lily De Silva (UTF-8 encoded)

Archived 2008-05-13 at the वेबैक मशीन

चर्चा समूह :

Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीन

Archived 2007-09-11 at the वेबैक मशीन

Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीन

पालि साफ्टवेयर एवं उपकरण :

Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीन