महाराजा रणजीत सिंह (गुरुमुखी : ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ) (१७८०-१८३९) खालसा साम्राज्यके पहिला महाराजा हलथिन । ऊ शेर-ए पञ्जाब के नामसे प्रसिद्ध हथिन । महाराजा रणजीत एक ऐसन व्यक्ति हलथिन, जे न खाली पंजाब के एकजुट कैलथिन, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेज के अपन साम्राज्य के पासो न भटके देलथिन ।
महाराजा रणजीत सिंह | |
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महाराजा रणजीत सिंह | |
12 अप्रैल 1801 – 27 जून 1839 | |
12 अप्रैल 1801, लाहौर किलामे | |
उत्तरवर्ती | महाराजा खड़क सिंह |
जन्म |
ਬੁਧ ਸਿੰਘ, بدھ سنگھ बुध सिंह 13 नवम्बर 1780[1] गुजरांवाला, सुकरचकिया मिस्ल |
निधन |
Expression error: Unexpected < operator. Template:MONTHNAME १८३९ (Expression error: Unexpected < operator. वर्ष) लाहौर, सिख साम्राज्य (अखनि पाकिस्थान, पञ्जाबमे) |
समाधि |
अस्थि अवशेष लाहौरमे सुरक्षित |
सन्तान | खड़क सिंह, ईशर सिंह, शेर सिंह, तारा सिंह, कश्मीरा सिंह, पेशौरा सिंह, मुल्ताना सिंह, दलीप सिंह |
घराना | सन्धवालिया, जाट सिक्ख[2][3] |
पिता | महाराजा महा सिंह |
रणजीत सिंह के जन्म सन् 1780 मे गुजरांवाला (अखनी पाकिस्तान) महाराजा महा सिंहके घरे होलै हल । ऊ दिन पंजाब पर सिख आउ अफगान के राज चलऽ हलै जे पूरा इलाका के कई मिसल मे बाँटके रखकै हल । रणजीत के पिता महा सिंह सुकरचकिया मिसल के कमाण्डर हलथिन । पश्चिमी पंजाब मे स्थित ई इलाका के मुख्यालय गुजरांवाला मे हलै । छोट सुन उम्र मे चेचक के वजह से महाराजा रणजीत सिंह के एक आंख के रोशनी चल गेलै हल ।[4] ऊ खाली 12 वर्ष के हलथिन जखनी उनकर पिता चल बसलथिन आउ राजपाट के सब बोझ उनकर कन्धा पर आ गेलै ।[5] 12 अप्रैल 1801 के रणजीत सिंह महाराजा के उपाधि ग्रहण कैलथिन । गुरु नानक जी के एक वंशज उनकर ताजपोशी सम्पन्न करौलथिन । ऊ लाहौर के अपन राजधानी बनौलथिन आउ सन् 1802 मे अमृतसर दन्ने रूख कैलथिन ।
इहो देखी
editसन्दर्भ
edit- ↑ S.R. Bakshi, Rashmi Pathak (2007). "1-Political Condition". प्रकाशित S.R. Bakshi, Rashmi Pathak (सम्पा॰). Studies in Contemporary Indian History – Punjab Through the Ages Volume 2. Sarup & Sons, New Delhi. प॰ 2. आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 81-7625-738-9. मूलसे 12 मई 2016 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010.
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में तिथि प्राचल का मान जाँची (सहायता) - ↑ History of the Jatt Clans - H.S Duleh (Translation from original Punjabi work "Jattan da Itihas" by Gurjant Singh).
- ↑ 1911 census of British Punjab - Major General Barstow
- ↑ Kushwant Singh. "RANJIT SINGH (1780–1839)
Archived 2015-11-08 at archive.today". Encyclopaedia of Sikhism. Punjabi University Patiala. Retrieved 18 August 2015. - ↑ Jean Marie Lafont (2002). Maharaja Ranjit Singh: Lord of the Five Rivers. Oxford University Press. pp. 33–34, 15–16. ISBN 978-0-19-566111-8