महाराजा खड़क सिंह (22 फरवरी 1801 – 5 नवम्बर 1840), सिख साम्राज्य के महाराजा हलथिन । ऊ महाराजा रणजीत सिंह के सबसे ज्येष्ठ पुत्र हलथिन । सन् १८३९ मे ऊ गद्दी पर बैठलथिन ।[2]
- ↑ ""Bibi Khem Kaur Dhillon", URL accessed 11/16/06". मूल से 18 December 2017 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 December 2018.
- ↑ 2.0 2.1 Āhlūwālīā, M. L. "KHAṚAK SIṄGH MAHĀRĀJĀ (1801–1840)". Encyclopaedia of Sikhism. Punjabi University Patiala. अभिगमन तिथि 19 May 2016.
खड़क सिंह सन्धावलिया | |
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सिख साम्राज्य के द्वितीय महाराजा | |
27 जून 1839 – 8 अक्टूबर 1839 | |
1 सितम्बर 1839 | |
पूर्ववर्ती | महाराजा रणजीत सिंह |
उत्तरवर्ती | नौनिहाल सिंह |
Wazir | राजा ध्यान सिंह |
जन्म |
22 फरवरी 1801 लाहौर, पंजाब, सिख साम्राज्य |
निधन |
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जीवनसङ्गी |
बीबी खेम कौर ढिल्लों,[1] चान्द कौर[2] |
सन्तान | नौनिहाल सिंह |
घराना | सन्धवालिया जाट सिख |
पिता | महाराजा रणजीत सिंह |