पावापुरी, जेकरा पावा-ओ कहल जाहकै, भारतके बिहारराज्यके नालन्दा मण्डलमे राजगीर भिरु स्थित एगो स्थान हकै । ई जैनधर्मके मतावलम्बी लागि एगो अत्यन्त पबित्र नगर हकै भगवान् महावीरके हियेँ मोक्षके प्राप्ति होलै हल । हियाँके जलमन्दिरके शोभा देखतहीँ बनहकै । सम्पूर्ण नगर कैमूरके पहाड़ी पर बसल हकै ।[1][2]
पावापुरी | |
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नगर | |
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निर्देशाङ्क: 25°05′30″N 85°32′20″E / 25.0917°N 85.5389°Eनिर्देशाङ्क: 25°05′30″N 85°32′20″E / 25.0917°N 85.5389°E | |
देश |
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राज्य | बिहार |
मण्डल | नालन्दा मण्डल |
प्राचीन नाम
edit१३मा शताब्दी ई॰ मे जिनप्रभसूरीजी अपन ग्रन्थ विविध तीर्थ कल्प रूपमे एकर प्राचीन नाम अपापा बतौलन हे । पावापुरीके अभिज्ञान बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन (बिहार) से ९ मील पर स्थित पावा नामक स्थानसे कैल गेलै हे । ई स्थान राजगृहसे दस मील दूर है । भगवान् महावीर स्वामीके निर्वाणके सूचक एक स्तूप अखनितक एहाँ खण्डहरके रूपमे स्थित है । स्तूपसे प्राप्त ईटा राजगृहके खण्डहरके ईटासे मिल-जुलहै । जेकरासे दुनो स्थानके समकालीनता सिद्ध होवहै । कनिङ्घमके मतमे जेकर आधार शायद बुद्धचरितमे कुशीनगरके ठीक पूर्व दन्ने पावापुरीके स्थितिके उल्लेख है, कसिया जे प्राचीन कुशीनगरके नामसे विख्यात है, से १२ मील दूर पदरौना नामक स्थाने पावा है । जन्ने गौतम बुद्धके समय मल्ल-क्षत्रीके राजधानी हलै ।
पर्यटन
editएकरो देखहूँ
editसन्दर्भ
edit- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect
Archived 2017-01-18 at the वेबैक मशीन," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999 - ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810