गढ़वळि भारत का उत्तराखण्ड राज्य मा ब्वौळी जांण वळि यऽक प्रमुख भाषा च। गढ़वळि भाषा कु प्राचीनतम स्वरूप वैदिक गढ़वळि च जु परांत कुणिन्द गढ़वळि मा विकसित ह्वाई। मध्यकाल मा गढ़वळि कु आधुनिक स्वरूप विकसित होण शुरू ह्वाई। येतै गस्वाळी या खश गढ़वळि ब्वल्ये ग्ये।
गड़वळी' बिकास (Development of Garhwali) edit
यऽक भाखाऽ बिकास म हैंक कतगाइ भाखों जोगदान हुंदु। गड़वळी भाखा बिकास म बिसे़स तौर फर तीन चरण छिन।
- पुरण गड़वळी (OLD GARHWALIS)
- मझ गड़वळी (MIDDLE GARHWALIS)
- अमिणी गड़वळी (MODERN GARHWALIS)
पुरण गड़वळी edit
पुरण गड़वळी संस्किरित जथुगी पुरणी क्य फेर वीं चुले भण्डी पुरणी च (छौ), पुरण-हिन्द-युरोपी भाखा दगड़ भण्डी नज्दीक छ्या (थ्यो)। अमीणी गड़वळी म आज बी पुरण गड़वळी सबद बिदमान छिन जन बल खुरसुण, कन्याण (खज्जी कन्न)।
मझ गड़वळी edit
ये समौ म बागड़वाळी अर खस भाखाऽ परभौ बढ़े। रौळ, खाल जन सबद ये समौ म गड़वळी म एनी। कथगई गावां नौ म खस भाखा परभौ नजर औन्दू।
अमिणी गड़वळी edit
अमीणी गड़वळी म पञ्जबी, औधी, बरज अर हिमचली भाखाऽ बी जोगदान च (छौ)। न्याड़ू ध्वारू सबद यां उदाहरण छिन। हिन्दी परभौ म औण चे गड़वळी म तत्सम अर हिन्दी सबदौं परजोग बढ़ण मिसे गे। इख तलक ब्योकरण म बी बिरण-जरूरि हिन्दी परजोग से गड़वळीऽ इन मणेणी माऽनो गड़वळीऽ यऽक भाखा नी बलकण म हिन्दी बोळी च (छौ)।
गड़वळी' बोळी (Dialects of Garhwali) edit
जन सैड़ी-मन्यूं (universally accepted) च बल यऽक भाखौ ब्व्ल्णौ अलग अलग अंदाज हूंदिन। यों अंदाजौं सणि बोळी ब्व्ल्दन। इन ई गड़वळी भाखा उन्द कथगा ई बोळी छिन ज्व उंत्ची गड़वळी (High Garhwali or Standard Garhwali) चुले बाच-बिग्यान अर सबद-बिग्यान म थुका अलग हूंदिन।
- सिरिनगरया- इ बुल्ये जान्दी सिरिनगर म। गड़वळी म इं सणि सम्स्किरित रौप (Classic Style) बी मन्ये जान्द(संस्किरित च अलग भाखा)। भण्डीतर बिदौन इं सणि माणी भाखा (Standard language) मन्दिन।[1]
- टिहरयाळी/गङ्गपरया- टिहरी गढ़वाळ म बुल्यान्दी।
- बधाणी- चमोळी गढ़वाळ म बुल्यान्दी।
- गङ्गाड़ी- उतर गढ़वाळ म बुल्यान्दी।
- बङ्गाणी- उतर गढ़वाळ मुङ्गे बङ्गाण इलाका म बुल्यान्दी।
- नागपुर्या- परयाग गढ़वाळ म बुल्यान्दी।
- रंवाल्टी- उतर गढ़वाळ मुङ्गे बङ्गाण इलाका म बुल्यान्दी।
सबद-आखर (Vocabulary) edit
यन त गढ़वळि भाSख का खार्युन् शब्द लोप ह्वे गीन तबर भि कुछ मुख्य शब्द जु अपणा मूल रूप मा छन उ कुछ यन छिन।
सिव्वा सौंळी - अभिवादन (बुलण बच्याण मा) (Namaste)
सम्नैन - पै लागूं
ड्यार - घर (Home)
नक्वळ - नाश्ता (Breakfast)
कजै - विवाहित पुरुष (Married man/Husband)
कज्याण - विवाहित स्त्री (Married woman/wife)
छ्वीं - गप्प (Chat)
डांडा - पहाड (Mountains)
बंड्या - अधिक (Much)
बिज्याम् - अत्यधिक (Too Much)
काखड़ - हिरण (Deer)
भग्यान - भाग्यवान (Fortunate one)/ used for 3rd person
पुंगडा - खेत (Farm)
बांठा - हिस्सा (Share)
अन्क्वैक - सही तरीके से (Correctly/in right manner)
भाखा-बिग्यान (Linguistics) edit
बैकरण (Grammar) edit
पधाण पातु: गड़वळीऽ बैकरण
अमिणी-हिन्द-यूरोपी भाखा जन गड़वळी म बी अपर अळग म सबद-कुठार, पद, बाखांस अर बाख हुन्दिन। गड़वळी म सबद-रचेणु हिन्दी अर दुसिरी हिन्द-युरोपी भाखा चुले अलग च।
बाच-सास्तर (Phonology) edit
पधाण पातु:गड़वळी बाच-सास्तर
गड़वळी भाखा म भण्डी अहमियत च (छौ) बाच-सास्तरौ। बकाई हिन्द-आर्य भाखौं चुले गड़वळी भाखा म अलग म ɨ, ɯ, y जन सौर (vowels) अर "ɭ" जन बैञ्जन (consonants) छिन।
आखरपोथी (Literature) edit
हैंक हिन्दुस्तानी भाखाऽ दगड़ तुलौण (Comparative Analysis with other Indian languages) edit
कारिजी दरजा (Official Status) edit
हाऽलांकि गड़वळी उतराखण्डौ भण्ड्या बुळ्यारी भाखा च पन राज्जै सरकार न मानता नी दे। काफी बगत ल उतराखण्डौ कारिजी भाखा दरजा अर इस्कूल, कोलेजौं म पढ़ौणा खुणि माङ्गौ वज्जा ल राज्जे सरकार न आदेस जारी करिन बल कुमौ बिस्बिधाळ्ये म ग्रेज्युएट इस्तर फर गड़वळी अर कुमौनी भाखा परस्थापित करणा खुणि। राठी इस्तर फर यऽक-लगत मङ्गिणी च बल गड़वळी सणि हिन्दुस्तानै सम्बिधानौ आठौं परपाती उन्द सामिल करे जाउन तबकि इ हिन्दुस्तानौ यऽक परपातीती भाखा बणि जाउन।