बोळी(IPA:boɭi) सबद गढ़वळीऽ मूळु (Root Word) बोळ अर ई परसरग मुङ्गे बण। बोळी लबज भाखा-सास्तर म दुई मायने म इस्तेमाल हुन्दु:
- पैलु इस्तेमाल: भाखा-सास्तर म आम; भाखौ बैरैटि बारा म ज्व च भाखा बचणेरों गणचुण्या झुण्डौ बिसेसता। उं भेद सणि अळग म रख्यां; इ बैरैटि नजीकी नातु रखिदिन अर आपसै अछुत छिन। बिसेसकर जबर्युं बोळी-लगतांस उन्द भण्डी कुच्यां हुन्दिन। पराय इ लबज परजोग हुन्दु इलाकाई लङ्ग्यारांस खुणि। पन बोळी हैंक गणांस मुङ्गे बी परिभासित करै सकिदी, जन बल समाजी-बरग क्य नरजात।