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नमस्कार,

    ,,गढ़ माता हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर,, 
     आप सभी घूमने के तो बहुत शौकीन हैं ही  और आपको अगर आज हम भारत के हिमाचल प्रदेश की अनदेखी वादियों में ले चलें जहां का इतिहास राजा महाराजा के वक्त का है और उन्होंने भी पूरे हिमाचल प्रदेश में केवल इसी स्थान को अपने फार्म हाउस के लिए चुना तो क्या आप उसे अपनी मनपसंद जगहों मै शामिल करना नहीं चाहेंगे अगर आप कुदरत को दिल से चाहते है तो जरूर आप उत्साहित हो रहे हैं जहां ऐसी खूबसूरत वादियां हों जो आपके मन को भी विचलित कर देने वाली है आज हम आपको बताते हैं कि यह जगह आखिर हिमाचल के किस भाग में स्थित है और ऐसा क्या इतिहास इससे जुड़ा है जो यहां सैलानी खींचे चले आ रहे हैं और उनका कहना है कि यह जगह आखिर क्यों रह गई बाकी जगहों से पीछे तो चलो आपको बताते हैं इस जगह का इतिहास दोस्तो हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के बॉर्डर पर गढ़ माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है यहां चारों और खूबसूरत वादियां है और यहां चारों और बहुत सी जड़ी बूटियों से सुगंधित हवाएं हर मौसम में चली रहती हैं जो हमे कई तरह कि बीमारी से भी बचाए रखती है यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार यह मन्दिर उस समय के राजा द्वारा बनाया गया था जिन्हें रात में स्वपन हुआ और माता ने दर्शन देकर उनसे मंदिर बनवाने को कहा तत्कालीन राजा ने दूसरे ही दिन समस्त जनता को मंदिर के काम पर लगा दिया कई मिलों दूर से पत्थर की ढुलाई एक लंबी कतार लगा कर कि कुछ ही दिनों मैं मंदिर त्यार हुआ और राजा द्वारा मूर्ति प्रतिष्ठा कि गई और विशाल भंडारे के साथ गढ़ माता का जयकारा लगा तब से लेकर आज तक उसी दिन यहां जातर मेले का आयोजन भंडारे के साथ किया जाता है और स्थानीय लोग अपनी पहली मकी की फसल और पहाड़ी ककड़ी इत्यादि माता को अर्पित करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

स्थानीय लोगों का मानना है कि माता चंडी रूप में सबकी रक्षा करती हैं एक बार जम्मू के रास्ते आतंकवादी का जत्था हमले को आया लेकिन जैसे ही उनकी नज़र मंदिर से निचली पहाड़ी पर पड़ी तो उन्हें आर्मी का हुजूम उनसे 10 गुना ज्यादा दिखा ये देख उनकी आंखे फटी रह गई और वो भाग निकले उनके कुछ हथियार वहीं पड़े मिले जिन्हे बाद में स्थानीय लोगों ने देखा जो वहां भेड़ों के साथ थे ये जानकारी उन्होंने आर्मी तक पहुंचाई और आर्मी ने गश्त के दौरान शिवगढ़ जो की जम्मू सीमा में प्रवेश करने के बाद तक ऐसे ही हथियार पाए गए। इसका इतिहास काफी पुराना है वर्तमान में यहां काफी सारे सैलानी घूमने यहां आते है जिन्हें ये जगह मनमोहक लगती है कई सैलानी घूमने यहां केवल वादियों का आनंद लेने के लिए पहुंचते है। हिमाचल के प्रख्यात पर्यटन स्थलों में इसका नाम अभी दर्ज तो नहीं है लेकिन आने वाले समय में ये सबसे ज्यादा प्रख्यात स्थल बनेगा। अतः आप भी जरूर यहां पधारें अगर आप खजियार घूमने या चम्बा आएं तो ये रमणीक स्थल केवल 60-70 किलोमीटर दूर बड़का (डंडी) पंचायत से 3 घंटे पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है। यहां के लिए गाइड कि व्यवस्ता स्थानीय संस्था दृष्टि फाउंडेशन अध्यक्ष प्रहलाद कुमार सचिव विशाल चौहान कोषाध्यक्ष विपन कुमार द्वारा करवाई जाती है अतः संपर्क हेतु आप जिमेल कर सकते हैं opanmindopan337@gmail.com himachalradio5@gmail.com आपका समय शुभ रहे भविष्य के लिए शुभकामनाएं जय माता कि,,,,