बेदके अनुसार सनातनधरममे तेतीस कोटि (प्रकार) देवताके बर्णन हे जेकरा तेतीस करोड़ बुझेके गलती न करी । ई सब तेतीस प्रकार देवतामे उनखा सामिल करल गेलहे जिनकासे हमनीके तनके निर्माण होइलीहे आउ उनखेसे हमनीके तन काज करहे ।
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सनातन लेखके अनुसार, धरममे तेतीस प्रकारके मुख्य देवताके बारेमे बतावल गेलहे । सामान्यतः यदि सब देवी आउ देवताके गिनल जाये त ई सङ्ख्या सहस्रमे पहुँच जैते किन्तु ई सोचेवाला बात हे कि जे सङ्ख्या सहस्रमे पहुँचित हे ओकरामे ढेर नाम एके देवताके अनेक रूपके हे । एकरामे (स्थानीय आउ क्षेत्रीय देवी-देवतो सामिल हथ) ।
ऊ सब त हिँया सम्मिलित न करल जा सकत । तैयो ई सूचीमे तीनसौ से बेसी सङ्ख्या सम्मिलित हे ।
अ
editइ
editउ
editकवर्ग
editचवर्ग
edit- चन्द्र
- चामुण्डा
- चित्रगुप्त
- छिन्नमस्ता
- जगद्धात्रि
- जगन्नाथ
- तारादेवी
- तिरुपति बालाजी
- थिमप्पा
- तेजाजी
- त्रिपुरा शक्ति
- त्रिपुरा सुन्दरी
- दक्ष
- दक्षायनि
- दत्तात्रेय
- दनु
- दशा माता
- दिक्पाल
- दिति
- दुर्गा
- देव
- देवी
- द्रौपदी
- धन्वन्तरि
- धरा
- धात्रि
- धूमावती
- नन्दिनी
- नन्दी
- नटराज
- नयनादेवी
- नागदेवता
- नागराज
- नारद
- निर्रत
- निर्रिथ
- नूकम्बिका
- नृसिँह
पवर्ग
edit- परशुराम
- पराञ्जय
- पराशिव
- पशुपति
- पार्वती
- पुरुष
- पूषा
- पृथ्वी
- प्रजापति
- बगला
- बगलामुखी
- बड़कीमाता
- बलराम
- बुटभवानी माता
- बलाड माता
- बहुचरा माता
- बालवी माता
- बाङ्का मुण्डी
- बालाजी
- बीरलिङ्गेश्वर
- बुद्ध
- बुद्धि
- बुधि पलिएन
- बृहस्पति
- ब्रह्मा
- ब्राह्मणी
- भग
- भद्रा
- भरणी
- भवानी
- भारती
- भीकि
- भुवनेश्वरी
- भूतमाता
- भूमिदेवी
- भूमिया
- भैरव
- भैरवी
- मणिकांत
- मदुरई वीरन
- मरिअम्मन
- अम्मा
- मरुद्गण
- महालस
- महाविद्या
- महाविष्णु
- मातङ्गी
- मातृका
- मानस
- मित्र (देव)
- मीनाक्षी
- मीनुश
- मुतथप्पन
- मुत्यलाम
- मुनिआन्दि
- मुरुगन
- मूकम्बिका
- मूक्यप्राण
- मोहिनी
- म्हासोबा
यवर्ग
editशवर्ग
editब्रह्माजी क १७ मानस पुत्र कहल जातहे -
- मनसे मरिचि
- नेत्रसे अत्रि
- मुखसे अङ्गिरस
- कानसे पुलस्त्य
- नाभिसे पुलह
- हाथसे कृतु
- त्वचासे भृगु
- प्राणसे वशिषठ
- अंङ्गुषठ से दक्ष
- छायासे कंदर्भ
- गोदीसे नारद
- इच्छासे * सनक * सनन्दन * सनातन * सनतकुमार
- तनरसे मनु
- ध्यानसे चित्रगुप्त
- हनुमान् – वायुपुत्र
- भीम – वायुपुत्र
- माधवाचार्य
- झुलेलाल - सिन्धिके भगवान्
- वेङ्कटेश्वर
- तिरुपति बालाजी
- विट्ठल (पाण्डुरङ्ग)
- राम
- कृष्णा
- परशुराम
अवतार
editपुराणानुसार चौबीस अवतार कहल जाहथ । इनखर बिवरण श्रीमद्भगवद्गीतोमे मिलहे ।