भासा (तत्सम: भाषा) ऊ साधन हे जेकरासे हमनी अपन बिचारके ब्यक्त कर सकही आउ एकराला हमनी बाचिक ध्वनिके प्रयोग करही।


भासा, मुखसे उच्चारित होवेवाला सब्द आउ बाक्य आदिके ऊ समूह हे जेकराद्वारा मनके बात बतावल जाहे। कोईयो भासाके सब ध्वनिके प्रतिनिधि स्वर एगो ब्यवस्थामे मिलके एगो सम्पूर्ण भासाके अबधारणा बनाहथ। ब्यक्त नादके ऊ समष्टि जेकर सहायतासे कोई एगो समाज या देसके जन अपन मनोगत भाव आउ बिचार दूसरा कोईसे प्रकट करहथ।
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