पृथ्वीराज तृतीय (शासनकाल: 1178–1192) जिनका आमतौर पर पृथ्वीराज चौहान कहल जा है,[1]चौहान वंशके राजा हलथिन । ऊ वर्तमान उत्तर-पश्चिमी भारतमे पारम्परिक चौहान क्षेत्र सपादलक्ष पर शासन कैलन । ऊ वर्तमान राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पञ्जाब, मध्यप्रदेश आउ उत्तरप्रदेशके कुछ भागो पर नियन्त्रण कैलन । उनकर राजधानी अजयमेरु (आधुनिक अजमेर)मे स्थित हलै, हालाँकि मध्ययुगीन लोक किंवदन्ती उनका भारत के राजनीतिक केन्द्र दिल्ली के राजाके रूपमे वर्णित कैलक हे जे उनकरा पूर्व-इस्लामी भारतीय शक्ति के प्रतिनिधिके रूपमे चित्रित करहे ।
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अजमेरमे पृथ्वीराज चौहानके मूर्ति | |
अजमेरके राजा | |
ल. 1178–1192 | |
पूर्ववर्ती | सोमेश्वर |
उत्तरवर्ती | गोविन्दाराज चतुर्थ |
राजवंश | चौहान वंश |
शुरुआतमे पृथ्वीराज ढेर पड़ोसी हिन्दु राज्यके बिरुद्ध सैन्य सफलता हासिल कैलन । विशेष रूपसे ऊ चन्देल राजा परमर्दिदेवके बिरुद्ध सफल रहलन हल । ऊ गौरी राजवंशके शासक मोहम्मद गौरीके प्रारम्भिक आक्रमणोके रोकलन । हालाँकि, 1192 मे तराइनके दोसर लड़ाईमे गौरी पृथ्वीराज के हरौलक आउ कुछे समय बाद उनका मार देलकै । तराइन मे उनकर हार के भारत के इस्लामी विजयमे एक ऐतिहासिक घटनाके रूपमे देखल जा है आउ ढेर अर्ध-पौराणिक लेखन मे एकर वर्णन कैल गेल हे । एकरामे सबसे लोकप्रिय पृथ्वीराज रासो है, जे उनका "राजपूत" राजाके रूपमे प्रस्तुत करहै ।[2]
इहो देखी
editसन्दर्भ
edit- ↑ Cynthia Talbot (2016). . The Last Hindu Emperor: Prithviraj Cauhan and the Indian Past, 1200–2000. Cambridge University Press.
- ↑ Cynthia Talbot (2016). . The Last Hindu Emperor: Prithviraj Cauhan and the Indian Past, 1200–2000. Cambridge University Press.