जीवविज्ञान वा जैविकी जीवनके वैज्ञानिक अध्ययन हे । ई व्यापक दायरा वाला एगो प्राकृतिक विज्ञान हे, किन्तु एकरामे ढेर एकीकृत विषय हे जे एकरा एगो एकल, सुसङ्गत क्षेत्रके रूपमे एक्के साथे बान्धहे । उदाहरणार्थ सभ जीव कोशिकासे बनव होवहे जे जीन मे कूटलिखित वंशानुगत तथ्यके संसाधित करहे, जेकरा भविष्यके पीढ़िके प्रेषित कैल जा सकहे । एगो अन्य प्रमुख विषय विकासवाद हे, जे जीवनके ऐक्य आउ वैविध्यके व्याख्या करहे । ऊर्जा प्रसंस्करणो जीवन लागि महत्त्वपूर्ण हे काहेकि ऊ जीवके स्थानान्तरित करे, बढ़ावे आउ पुनरुत्पादन करेके अनुमति दे हे । अन्ततः सभ जीव अपना स्वयंके आन्तरिक वातावरणके विनियमित करमे सक्षम होवहे ।
जीववैज्ञानिक सङ्गठनके ढेर स्तर पर जीवनके अध्ययन करमे सक्षम हथ, एगो कोशिकाके अणुजैविकीसे लेके पादप आउ प्राणीके शारीरिकी आउ शरीर विज्ञान आउ जनसङ्ख्याके विकास तक । एहिसे जीवविज्ञानके भीतर ढेर उपविषय हे, प्रत्येकके ओकर शोध प्रश्नके प्रकृति आउ ओकरा द्वारा प्रयोग कैल जायेवाला उपकरण द्वारा परिभाषित कैल गेलहे । अन्य वैज्ञानिक नियन जीववैज्ञानिक अपन निकटवर्ती संसारके बारेमे अवलोकन करे, प्रश्न पूछे, परिकल्पना उत्पन्न करे, प्रयोग करे आउ निष्कर्ष निकालेला वैज्ञानिक विधिके प्रयोग करहथ ।
पृथ्वी पर जीवन, जे ३.७ अरब वर्षोसे पूर्व उभरल, अत्यधिक वैविध्यपूर्ण हे । जीववैज्ञानिक जीवनके विभिन्न रूपके अध्ययन आउ वर्गीकरण करेके माङ्ग कैलन हे, प्राक्केन्द्रकी जीव जैसेकि प्राच्य आउ जीवाणुसे लेके सुकेन्द्रक जीव नियन प्रजीव, भुवा, वनस्पति आउ प्राणी तक । ई विभिन्न जीव एगो पारितन्त्रके जैव वैविध्यमे योगदान करहथ, जन्ने ऊ अपन जैवभौतिक वातावरणके माध्यमसे पोषक तत्व आउ ऊर्जाके चक्रणमे विशेष भूमिका निभावहथ ।
चित्रावली
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Animalia - Bos primigenius taurus
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Planta - Triticum
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Fungi - Morchella esculenta
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Stramenopila/Chromista - Fucus serratus
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Bacteria - Gemmatimonas aurantiaca (- = 1 Micrometer)
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Archaea - Halobacteria
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Virus - Gamma phage
आधुनिक जीवविज्ञानके आधार
edit- (१) कोशिका सिद्धान्त
- (२) क्रम-विकास
- (३) अनुवांशिकता
- (४) समस्थापन
- (५) ऊर्जा
- (६) कोशिका
इहो देखी
editसन्दर्भ
editबाहरी कड़ी
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