गोआ (कोङ्कणी : गोंय), क्षेत्रफलके अनुसार भारतके सबसे छोटका आउ जनसङ्ख्याके अनुसार चौथा सबसे छोटका राज्य हे । पूरा विश्वमे गोआ अपन सुन्दर समुन्दरके किनारा आउ प्रसिद्ध स्थापत्यला जानल जाहे । गोआ पहिले पुर्तगालके एगो उपनिवेस हलै । पुर्तगाली गोआ पर लगभग ४५० बरस तक शासन करकै आउ १९ दिसम्बर १९६१ मे ई भारतीय प्रशासनके सौँपल गेलै ।
गोआ | |
---|---|
राज्य | |
गोंय | |
| |
Lua error in Module:Wp/mag/Location_map at line 403: देशान्तरला कौनो मान प्रयोग नै कैल गेल. | |
निर्देशाङ्क (Panaji): 15°30′N 73°50′E / 15.50°N 73.83°Eनिर्देशाङ्क: 15°30′N 73°50′E / 15.50°N 73.83°E | |
देश |
![]() |
राज्यके गठन | ३० मई १९८७ |
राजधानी | पणजी (पञ्जिम) |
सबसे बड़ नगर | वास्को द गामा |
मण्डल | : २ |
सरकार | |
• अङ्ग | गोवा सरकार |
• राज्यपाल | पी एस श्रीधरन |
• मुख्यमन्त्री | प्रमोद सावन्त (भाजपा) |
• विधायिका | एकसदनीय (40 सीट) |
• संसदीय निर्वाचन क्षेत्र |
राज्यसभा १ लोकसभा २ |
• मुख्य सचिव | परिमल राय, भाप्रसे[1] |
क्षेत्रफल | ३७०२ किमी२ (Formatting error: invalid input when rounding वर्गमील) |
• क्रम | २८मा |
^* आधिकारिक तौरपर देवनागरी लिपि साथे कोङ्कणी एकमात्र राजभाषा है किन्तु, मराठी आउ अङ्ग्रेजियो कौनो विशेष अथवा समस्त उद्देश्यला प्रयोग कैल जा सकहै ।[2][3] |
नामके उद्भव
editमहाभारतमे गोआके उल्लेख गोपराष्ट्र मने गोप (अहीरके देशके रूपमे भेटहै । दक्षिण कोङ्कण क्षेत्रके उल्लेख गोआराष्ट्र के रूपमे पाएल जा है । संस्कृतके कुछ अन्य पुरान स्त्रोतमे गोआके गोपकपुरी आउ गोपकपट्टन कहल गेल है जेकर उल्लेख अन्य ग्रन्थके इलावा हरिवंशम् आउ स्कन्द पुराणमे भेटहै ।[4] गोआके बादमे कनहु कनहु गोअञ्चलो कहल गेल है । अन्य नाममे गोवे, गोआपुरी, गोपकापाटन आउगोमन्त प्रमुख है । टोलेमी गोआके उल्लेख वर्ष 200 के आस-पास गोउबा के रूपमे कैलकै हे । अरबके मध्युगीन यात्री ई क्षेत्रके चन्द्रपुर आउ चन्दौरके नामसे इङ्गित कैलकै हे जे मुख्य रूपसे एक तटीय नगर हलै । जे स्थानके नाम पुर्तगालके यात्री गोआ रखकै ऊ आजके छोट सुन समुद्र तटीय नगर गोअ-वेल्हा है । बादमे ऊ पूरा क्षेत्रके गोआ कहल जाए लगलै जेकरा पर पुर्तगाली कब्जा कैलकै ।
जनश्रुति के अनुसार गोआ जेकरामे कोङ्कण क्षेत्रो शामिल है (आउ जेकर विस्तार गुजरातसे केरल तक बतावल जा है) के रचना भगवान् परशुराम कैलथिन हल । कहल जा है कि परशुराम एक यज्ञ खनि अपन बाणके वर्षासे समुद्रके ढेर स्थान पर पीछे धकेल देलथिन हल आउ लोग सबके कहलाम है कि एही चलते आझो गोआमे बड़ीमनी स्थानके नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि है । उत्तरी गोआमे हरमल के पास आज भूरा रङ्गके एक पर्वतके परशुरामके यज्ञ करेके स्थान मानल जा है ।
सम्बन्धित लेख
editसन्दर्भ
edit- ↑ Rai, Parimal (18 December 2018). "New Chief Secretary assumes charge". Tribune India.
- ↑ "Report of the Commissioner for linguistic minorities: 50th report (July 2012 to June 2013)" (PDF). Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India. प॰ 113. मूल (PDF) से 8 July 2016 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 December 2014.
- ↑ "The Goa, Daman and Diu Official Language Act, 1987" (PDF). daman.nic.in. U.T. Administration of Daman and Diu. मूलसे 8 May 2013 के पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 17 May 2015.
- ↑ Indian Archaeological Society (2006). Purātattva, Issue 36. Indian Archaeological Society.