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गाण्यूँ कि गंगा-स्याण्यूँ का समोदर स्वर-सम्राट श्री नरेंद्र सिंह नेगी जीऽ गीतूऽ द्वसरु संग्रै च। यु संग्रै सन् १९९९ मा पैलि दां छपे । यु संग्रै गढ़-गौरव, गढ़-रत्न, उत्तराखण्डाऽ स्वनाम-धन्य गितार, लिख्वार अर लोक-गायक नरेन्द्र सिंह नेगीकि गीत-जात्राका एक बिसी पाँच बर्सोंऽ समळौंण च। ये संग्रैमा ४२ गीत/कविता छप्यां छन।