परमाणु कोय भी साधारणटा पदार्थ क सबसँ छोटौ घटक इकाई छेकै जेकरामँ एगो रासायनिक तत्व के गुण होय छै। सब्भे ठोस, तरल, गैस, आरू प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणु सिनी सँ बनलौ छै। परमाणु बहुत छोटे होय छै; विशिष्ट आकार लगभग 1 एगेस्ट्रोम (एक मीटर क एक दस संख) होय छै। हालांकि, परमाणु मँ सटीक परिभाषित सीमा नाय होय छै, आरू ओकरौ आकार क परिभाषित करै लेली भिन्न उपाय होय छै जेकी अलग लेकिन लगभग सटीक मूल्य दै छै।

संरचना
लगभग 500 ईसा पूर्व ग्रीक दार्शनिक डेमोक्रिट्स एवं ल्यूसीपश्ल्यूसीपश् न सूक्ष्मतम अविभाज्य कण क ATOMS यानि परमाणु कहलकै। इ ग्रीक भाषा के atomio सँ लेलौ गेलौ छै जेकरौ अर्थ छै नाय काटलौ जाय वाला या अविभाज्य। परंतु सिद्धांत डाल्टन न देलौ छेलै।
अपरमाणविक कण
'परमाणु' शब्द क मूल अर्थ छेकै, 'नाय काटलौ जाय वाला या अविभाज्य', लेकिन आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोग सँ पता चलौ छै कि परमाणु विभिन्न अपरमाणविक कण सिनी सँ बनलौ छै। इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन आरू न्यूट्रॉन एगो परमाणु के संघटक कण छेकै; सब्भे तीन फर्मिऑन छेकै। हालांकि, हाइड्रोजन-1 क परमाणु मँ कोय न्यूट्रॉन नाय छै।
इलेक्ट्रॉन
इलेक्ट्रॉन प एगो ऋणात्मक विद्युत आवेश होय छै। एकरौ आकार बहुत्ते छोटौ होय छै आरू द्रव्यमान 9.11 × 10−31 कि. ग्रा. होय छै। इ कण मँ इलेक्ट्रॉन सबसँ हल्का छै। इलेक्ट्रान क खोज 19वां सदी क अंत मँ होलौ छेलै, जेकरौ अधिकतर श्रेय जे जे थॉमसन क जाय छै।
प्रोटॉन
प्रोटॉन प धनात्मक आवेश होय छै। एकरौ द्रव्यमान 1.6726 × 10−27 कि.ग्रा. छै जे इलेक्ट्रान के द्रव्यमान क 1,836 गुना छै। एकठो परमाणु मँ प्रोटॉनों क संख्या परमाणु संख्या कहलाबै छै। प्रोटॉन क खोज अर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा 1919 मँ करलौ गेलौ छेलै।
न्यूट्रॉन
न्यूट्रॉन प कोय विद्युत आवेश नाय हो छै। एकरौ द्रव्यमान 1.6929 × 10−27 कि.ग्रा. छै जे इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान क 1,839 गुना चै। न्यूट्रॉन आरू प्रोटॉन क द्रव्यमान लगभग एक्के सामान छै। न्यूट्रॉन क खोज अंग्रेज भौतिकविज्ञानी जेम्स चैडविक न 1932 मँ करलौ छेलै।
नाभिक
एगो परमाणु मँ सब्भे प्रोटॉन आरू न्यूट्रॉन मिली क एकठो छोटौ परमाणु नाभिक बनाबै छै, आरू सामूहिक रूप सँ न्यूक्लिऑन कहलाबै छै। नाभिक क त्रिज्या लगभग, 1.07 3√A फेम्तोमीटर के बराबर होय छै, जहां A न्युक्लियोन क कुल संख्या छेकै। इ परमाणु क त्रिज्या क तुलना मँ काफी छोटौ छै, जे 105 फेम्तोमीटर के कोटि (ऑर्डर) क होबै छै।
इलेक्ट्रॉन बादल
परमाणु मँ इलेक्ट्रॉन विद्युत चुम्बकीयबल दुआरा नाभिक मँ प्रोटॉन क ओर आकर्षित होबै छै। इ बल छोटौ नाभिक के चारो ओर एगो इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षमता के अंदर इलेक्ट्रॉनों क बांधै छै, जेकरौ अर्थ छेकै कि इलेक्ट्रॉन सँ बचै लेली ऊर्जा के बाहरी स्रोत क आवश्यकता होय छै।